दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने सुनवाई के बाद यह याचिका खारिज कर दी है। इस याचिका में पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में मतदान कराए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी। इस याचिका में कोर्ट से चुनाव आयोग को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह राज्य में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव नहीं कराने का आदेश दे क्योंकि इससे संविधान के कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है। खास बात ये है कि इस याचिका में यह भी अनुरोध किया गया था कि भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं को राज्य में चुनाव प्रचार मुहिम के दौरान ‘जय श्री राम’ जैसे नारों का इस्तेमाल करने से रोका जाए।
दरअसल, एक एडवोकेट एमएल शर्मा ने ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने याचिकाकर्ता और वकील एमएल शर्मा से कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय के पास जाएं। इस पर एमएल शर्मा ने जब मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट से ही करने की बात कही तो पीठ ने कहाकि, हम आपकी दलीलों से सहमत नहीं हैं। आपकी याचिका खारिज की जाती है। कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश पारित करने से इंकार कर दिया।