रायपुर. नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) ने यह स्पष्ट किया है कि वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन को एमओयू निरस्त होने के बाद वर्तमान प्रचलित प्रीमियम दर के आधार पर आवंटित भूमि के लिए फाउंडेशन से पूरी राशि ली जा रही है और कोई रियायत नहीं दी गई है. अन्य संस्थानों के लिए भी नया रायपुर में इसी दर पर स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए भूमि उपलब्ध है.

एनआरडीए के महाप्रबंधक महादेव कावरे ने वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन को नया रायपुर में भूमि दिए जाने के मामले को लेकर आ रही खबरों पर वस्तुस्थिति स्पष्ट करते हुए विस्तार से जानकारी दी है. कावरे ने आज यहां बताया कि जहां तक वेदांता अस्पताल को व्यावसायिक घोषित किए जाने का सवाल है, तो इस संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि पहले भी वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन व्यावसायिक नहीं था. यह फाउंडेशन कम्पनीज एक्ट 1956 के सेक्शन-25 के अधीन गठित गैर-व्यावसायिक संस्थान है और इसे नो-लॉस नो-प्रॉफिट के आधार पर ही संचालित किया जाएगा. आज वेदांता फाउंडेशन की ओर से अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में भी यह स्पष्ट किया गया है कि यह अस्पताल नो लॉस-नो प्रॉफिट के आधार पर संचालित होगा.

कावरे ने बिना पूर्णता प्रमाण पत्र के अस्पताल में कथित रूप से मशीन लगवाए जाने के बारे में उठे सवाल पर भी वस्तुस्थिति स्पष्ट कर दी है. उन्होंने बताया कि एनआरडीए द्वारा वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन को अस्पताल निर्माण के लिए संशोधित भवन अनुज्ञा जारी की गई थी. जिसके आधार पर निर्माण किया गया और निर्माण पूरा होने पर नियमानुसार प्रोजेक्ट आर्किटेक्ट एवं अग्निशमन विभाग द्वारा एनओसी देने के बाद फाउंडेशन को एनआरडीए द्वारा 12 फरवरी 2018 को पूर्णता प्रमाण पत्र दिया गया. इस पूर्णता प्रमाण पत्र में भी एनआरडीए द्वारा वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन को व्यावसायिक अस्पताल की अनुमति नही दी गई है.

कावरे ने भूमि आवंटन रद्द होने के बाद भवन सहित कब्जा वापस नहीं लिए जाने के सवाल पर वस्तुस्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के साथ वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन का एमओयू 17 सिंतबर 2009 को हुआ था. जिसके आधार पर 03 नवंबर 2011 को फाउंडेशन को नया रायपुर के सेक्टर 36 में 50 एकड़ भूमि लीज पर दी गई. लेकिन फाउंडेशन द्वारा समय पर शर्तों को पूरा नहीं किया गया. इस वजह से राज्य शासन द्वारा एमओयू को निरस्त कर दिया गया. इसके बाद वर्तमान में प्रचलित नियम के अनुसार एनआरडीए द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए निर्धारित जमीन की प्रीमियम दर की गणना कर फाउंडेशन पर नियमानुसार प्रीमियम अधिरोपित किया गया है.

उन्होंने आगे बताया कि एनआरडीए द्वारा भूमि आवंटन के लिए छत्तीसगढ़ विशेष क्षेत्र अचल संपत्ति का नियम 2008 के अनुसार ट्रस्ट, सोसायटी और नॉन-प्रॉफिट कम्पनी के लिए नियम 14 के तहत सीधे आवंटन किया जाता है. इसी नियम के अनुसार वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन को आवंटित किया गया है. इसके साथ ही फाउंडेशन पर लीज 3 नवंबर 2011 से वर्तमान तक तत्कालीन प्रचलित प्रीमियम दर के अनुसार भू-भाटक और 15 प्रतिशत वार्षिक पेनाल्टी भी ली गई है.