रायपुर। स्कूलों के स्तर में सुधार के लिए केंद्र सरकार की पीएम श्री (Pradhan Mantri Schools for Rising India) योजना है. लेकिन पूर्ववर्ती भूपेश बघेल की सरकार की अनदेखी की वजह से स्वामी आत्मानंद विद्यालयों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया. अब स्वामी आत्मानंद विद्यालयों को इस योजना से जोड़ने से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ छात्रों का भविष्य भी उज्ज्वल होगा. इसे भी पढ़ें : ‘बिरहोर के भाई’ जागेश्वर यादव को मिला पद्मश्री, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया गौरव का क्षण…

पीएमश्री (Pradhan Mantri Schools for Rising India) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना के तहत प्रत्येक विकासखण्ड में एक एलीमेंन्ट्री स्तर तथा एक सेकेण्डरी / हायर सेकेण्डरी स्तर की शाला का चयन किए जाने का प्रावधान है. चयनित शाला में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रावधानित विभिन्न घटकों जैसे-भौतिक, अकादमिक, तकनीकी, अधोसंरचना के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु विभिन्न संसाधन भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे.

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प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ में पीएमश्री योजना अंतर्गत चयनित 211 शालाओं में 193 एलीमेन्ट्री स्तर की तथा 18 सेकेण्डरी / हायर सेकेण्डरी स्तर की शाला शामिल हो सकी. इसमें चयनित किसी भी शाला का नाम परिवर्तित नहीं होगा, अपितु शाला के नाम के पूर्व में पीएमश्री जोड़ा जाएगा तथा शाला में पीएमश्री का लोगो लगाया जाएगा. यही नहीं चयनित शालाओं में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी पूर्ववत ही रहेंगे, विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया यथावत रहेगी. पढ़ाई का माध्यम एवं पाठ्यक्रम भी पूर्ववत ही रहेगा.

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इस योजना में शामिल हो जाने से विद्यालयों को केन्द्र सरकार से अतिरिक्त आर्थिक एवं भौतिक सुविधाएं प्राप्त होगी. इस योजना का लाभ भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड अनुरूप संचालित सभी शासकीय शालाएं जैसे-एकलव्य विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, कस्तुरबा विद्यालय, पोर्टाकेबिन विद्यालय प्राप्त कर सकती हैं.