Noida News: ग्रेटर नोएडा. पुलिस ने जांच के दौरान जिला न्यायालय परिसर से नकली नोट छापने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये यूट्यूब से सीखकर प्रिंटर से नकली नोट छापते थे.

 गिरफ्तार आरोपियों की पहचान साहिल कुमार उर्फ सुन्दर उर्फ संजू निवासी ग्राम मनियां थाना शाहगंज जनपद जौनपुर और शालू निवासी ग्राम व थाना अमराहट जिला कानपुर देहात के रूप में हुई है.

  डीसीपी सेंट्रल रामबदन सिंह के मुताबिक साहिल सूरजपुर और शालू ग्राम देवला में रहता है. साहिल के कब्जे से 300 ग्राम गांजा, पांच हजार के नकली नोट मिले हैं. शालू के पास से चोरी की बाइक मिली है. दोनों की निशानदेही पर नकली नोट छापने के लिए कलर प्रिंटर, स्याही की डिब्बी, पेपर, 1000 रुपये के नकली नोट तथा 200 रुपये असली नोट बरामद किए हैं.

ऐसे बनाई योजना

पुलिस के मुताबिक आरोपी शालू का भाई विजय तथा दूसरा आरोपी साहिल एक साथ जेल में बंद थे. जहां पर विजय और साहिल की दोस्ती हो गई. एक दूसरे के घर आना-जाना हो गया. आरोपी शालू ने नकली नोट छापकर पैसा कमाने की योजना बना डाली. शालू ने यूट्यूब से नकली नोट छापना सीखा. उसने इसमें साहिल को भी शामिल कर लिया. शालू मां और भाई के पास ग्राम देवला में तथा साहिल सूरजपुर में रहने लगा.

चेकिंग में हत्थे चढ़ा

आरोपी पुलिस ने गैंगस्टर रणदीप भाटी के न्यायालय में पेशी पर आने के दौरान चेकिंग बढ़ा दी थी. इसी दौरान नकली नोट के आरोपी को साहिल को गिरफ्तार किया. पूछताछ के बाद शालू को पकड़ा गया. दोनों अदालत में आने वाले लोगों की बाइक को अपना निशाना बनाते थे. दोनों आरोपी साथी मोनू निवासी चम्पत कालोनी कस्बा व थाना सूरजपुर के साथ मिलकर बाइक चोरी करते थे. दोनों ने मोनू के साथ मिलकर 20-25 दिन पहले कचहरी परिसर से बाइक चोरी की थी. इसके अलावा शालू पूर्व में भी नकली शराब बनाने के अपराध में और साहिल गांजा तस्करी में जेल जा चुका है. आरोपियों का साथी मोनू पर जनपद के विभिन्न थानो में लूट, चोरी, गांजा व शराब तस्करी से सम्बंधित केस दर्ज हैं.

ऑनलाइन खरीदा छपाई का सामान

आरोपियों ने बताया कि उन्होंने 13500 रुपये में ऑनलाइन कलर प्रिंटर, प्रिंटर में प्रयुक्त स्याही तथा नकली नोट छापने के लिए पेपर खरीदे थे. इसके बाद नकली नोट छापने लगे. आरोपी अधिकतर 100-100 रुपये के नोट छापते थे. दोनों बाजार में सामान खरीदने में इनको चलाते थे. आरोपी साहिल ग्राहकों को गांजा बेचने के दौरान खुले पैसों के रूप में ये रुपये देता था.