सत्यपाल राजपूत, रायपुर. डीकेएस अस्पताल में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां नॉन टेक्नीशियनों से ड्रेसिंग कराई जा रही है. यह आरोप पैरामेडिकल संघ ने लगाया है. उनका कहना है कि इतने बड़े हॉस्पिटल में सिर्फ़ दो ड्रेसर नॉन टेक्नीशियन कार्यरत है. इसके पहले आठ डिग्रीधारी ड्रेसर काम कर रहे थे. वेतन कम मिलने के कारण सभी ने नौकरी छोड़ दिया.
पैरामेडिकल संघ के अध्यक्ष और सदस्यों ने बताया कि हॉस्पिटल में सिर्फ़ दो ही नान ट्रेंड ड्रेसर है. ड्रेसिंग कार्य करने के लिए आर्थोपेडिक एवं ड्रेसर टेक्नीशियन कोर्स एवं पैरामेडिकल का पंजीयन होना आवश्यक होता है, लेकिन नियम क़ानून का उल्लंघन करते हुए आया और सफ़ाई कर्मी को ड्रेसिंग कराया जा रहा है.
बर्न यूनिट में मरीज़ों के मृत्यु का आंकड़ा बताते हुए कहा कि यदि इनमें सौ मरीज़ भर्ती होते हैं तो उसमें 95वें मरीज़ों की मौत होती है. मरीज़ों के ड्रेसिंग एक महत्वपूर्ण पार्ट होता है. उनके चलने या ज़ख़्म पर इन्फेक्शन को रोकने के लिए ड्रेसिंग का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन यहां नॉन ट्रेड लोगों द्वारा कराया जा रहा है तो इसका खामियाजा मरीज़ों को भुगतना पड़ रहा है.
इस मुद्दे को लेकर हमने हॉस्पिटल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई. अब देखने वाली बात है कि प्रबंधन इस समस्या की ओर कम ध्यान देती है.