रवि शुक्ला,मुंगेली. देश के प्रत्येक लोक प्राधिकारी के कार्यो की पारदर्शिता, उनके निर्णय लेने के लिये उत्तरदायित्व का निर्धारण तथा नागरिकों को शासन की प्रणाली की कार्यपद्धति एवं निर्णय लेने की प्रक्रिया की जानकारी के उद्देश्य से सूचना का अधिकार कानून लागू किया गया है. लेकिन इस कानून का पालन मुंगेली में नगर पालिका द्वारा न करके इस कानून का माखौल उड़ाया जा रहा है.

इस नगर पालिका में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने पर अधिकारी द्वारा इधर उधर घुमाया जाता है. जब इस पर जिम्मेदार अधिकारी से बात की जाती है तो वे भी गोलमोल जवाब देते नजर आते हैं. इतना ही नहीं बार बार अपील करने के बाद भी अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ता है.

जिसका पता इस बात से चलता है कि मुंगेली निवासी और पेशे वकील स्वतंत्र तिवारी द्वारा नगर पालिका परिषद में कई निर्माण कार्यो की जानकारी लेने के लिए सूचना के अधिकार के तहत आवेदन दिया गया था. लेकिन जानकारी देने के तय समय के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने जानकारी नहीं दी. इतना ही नहीं इनके द्वारा जब जिम्मेदार अधिकारी के पास अपील की गई, तो अधिकारी द्वारा बिना सत्यापित किये कागजात के प्रति को आवेदक के निवास पर भेज दिया गया. जिसका आवेदक के द्वारा विरोध किया गया है.

इस तरह के मामले से सतत ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर पालिका के अधिकारी केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए कानून का किस तरह सरेआम मजाक बना रहे है.