अमृतांशी जोशी, भोपाल। अगर आप अनाथ बच्चे (Child Adoption) को गोद लेना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है। अब बच्चा गोद लेना आसान (Adoption Process Easier) होगा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास बच्चा गोद लेने के नियम में बदलाव करने जा रही है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास ‘मिशन शक्ति’ के तहत इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम (Integrated Child Protection Scheme) में बदलाव करने का निर्णय लिया है। नियम में बदलाव करने के बाद एक महीने में ही बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। साथ ही नए नियम में कलेक्टर और एसडीएम को लेने के आदेश देने का अधिकार दिया जाएगा। साथ ही बच्चों के लिए चल रहे प्राइवेट और सरकारी शेल्टर होम में मनोवैज्ञानिक काउंसलर रखना अनिवार्य होगा।

यात्रीगण कृपया ध्यान दें! SECR के राजनांदगांव-कलमना रेल खंड पर मेंटेनेंस के कारण 18 एक्सप्रेस और लोकल ट्रेनें कैंसिल, घर से निकलने के पहले चेक करें, कहीं आपकी ट्रेन भी तो नहीं

बता दें कि अभी तक केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण के माध्यम से बच्चों को गोद दिया जाता था। बीते कुछ सालों से बच्चे को गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य किया गया था। बावजूद इसके बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी करने में एक से दो साल का वक्त लग जाता है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास के संशोधन में मंजूरी के बाद यह प्रक्रिया और अब आसान हो जाएगी।

गुमशुदगी, अपहरण और आत्महत्याः पुलिस रही परेशान, फिर मामले में आया नया ट्विस्ट, जानिए क्या है मामला

बच्चा गोद लेने के लिए ऐसे करें आवेदन
अगर आप बच्चा गोद लेना चाहते हैं तो आपको सेंट्रल अडाप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) की वेबसाइट cara.nic.in पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। इसके बाद कारा बच्चों की उपलब्धता के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार करती है और फिर अनाथालयों में पहुंचने वाले बच्चों की उपलब्धता के आधार पर जरूरतमंद दंपती को बच्चे देने की प्रक्रिया पूरी करती है। इस काम को पूरा करने में कई तरह के सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है और यह प्रक्रिया सालों चलती रहती है। अब इसी को ध्यान में रख कर मोदी सरकार इस कानून में बदलाव करने जा रही है। वहीं हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने कुछ राज्यों में सभी जिला अदालतों को निर्देशित किया है कि बच्चा गोद लेने के लिए कोर्ट सीधे आवेदन नहीं ले सकती। इसके लिए स्टेट अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (सारा) में रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है।

बीजेपी में विरोध के सुर: नियुक्ति से नाराज युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा, निकाय चुनाव में हो सकता है नुकसान

अभी बच्चा गोद लेने की यह है पूरी प्रक्रिया
-4 वर्ष तक के बच्चे को गोद लेने के लिए दंपति की उम्र 45 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
-4 से 8 साल तक की उम्र का बच्चा 90 से सौ साल की उम्र तक के दंपती गोद ले सकते हैं।
-4 या अधिक बच्चों के पेरेंट्स को बच्चा गोद नहीं मिलेगा।
-दंपति को आवेदन के साथ इनकम सर्टिफिकेट देना अनिवार्य है।
-अगर तलाक हो गया है तो तलाक का प्रमाण पत्र।
-पति या पत्‍‌नी में किसी मृत्यु हो गई है तो उसका प्रमाण पत्र।
-आवेदक की आर्थिक स्थिति के हिसाब से कमेटी निर्णय लेती है।
-लिव-इन रिलेशनशिप वाले दंपतियों को बच्चा गोद नहीं दिया जाता।
-बच्चा गोद देने में निसंतान दंपति को प्राथमिकता दी जाती है।
-विवाह नहीं किया है अकेले रहते हैं तो कोई बात नहीं।
-कोई संक्रामक रोग या गंभीर रोग नहीं इसका प्रमाण पत्र देना होगा।
-आवेदक दंपति का पुलिस सत्यापन एसपी ऑफिस से करवाया जाता है।
-आवेदक के घर का दौरा किया जाता है।
-आस-पड़ोस के वातावरण और सुविधाओं के साथ घर की व्यवस्थाओं को परखा जाता है।
-बच्चे को सुपुर्द करने के बाद 10 साल तक घर का दौरा कर फॉलोअप रिपोर्ट तैयार की जाती है।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus