आर.टी.ओ. विभाग में क्लर्कों के कार्यालय में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए हैं जिस पर आर.टी.ओ. सचिव खुद क्लर्कों के पास आने-जाने वाले लोगों पर निगरानी रख सकेगी।
कैमरे लगा देने से इसमें क्या पारदर्शिता आएगी क्योंकि ज्यादातर तो क्लर्क अपनी सीट पर ही नहीं होते हैं। जिस कारण लोग उनका इंतजार करते रहते हैं।
सूत्रों के अनुसार एक महिला क्लर्क के ऑफिस में तो कैमरा ही नहीं लगाया गया। वहीं आजकल लोगों के काम न होने से असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बैकलॉग एंट्री और अप्रूवल के काम धीमी गति से चल रहे हैं जिस कारण लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचा हुआ है क्योंकि न तो उन्हें हैल्प से कोई तसल्ली बख्श जवाब मिलता है न ही कोई उच्च अधिकारी। लेकिन आर.टी.ए. सचिव भी अपनी सीट पर ज्यादातर मौजूद नहीं रहती।
जिस कारण लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए जिला प्रशासन या राज्य सरकार का अपने विभागों की ओर कोई ध्यान ही नहीं। जबकि सुविधा देने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। ऑनलाइन सिस्टम होने के चलते लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है क्योंकि पोर्टल पर तो किसी व्यक्ति को दफ्तर में आने की बात नहीं कही जाती।
लेकिन फिर भी अधिकारी, कर्मचारी लोगों को दफ्तर के चक्कर कटवा रहे हैं अगर ऐसा ही रवैया रहा तो लोगों का विश्वास ही उठ जाएगा।
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