रायपुर. पर्यावरण प्रदूषण रोकने शहर में सख्ती शुरू हो चुकी है. शादियों पर पटाखे फोड़ने पर 6 शहरों में दिसंबर और जनवरी दो महीनों के लिए पहले ही बैन लगाने आदेश जारी हो चुका है. अब ढाबों के लिए भी सख्त नियम बना दिए गए हैं. भट्ठी में केवल लकड़ी से बने कोयले का ही इस्तेमाल किया जाएगा.

वहीँ आपको ठंड में शरीर सेंकने अलाव जलाने के लिए उन्नत किस्म के चूल्हों का प्रयोग करने आदेश जारी हुआ है. गुरुवार को कलेक्टर ओपी चौधरी ने यह आदेश जारी किया है. तंदूर बनाने के लिए लकड़ी के कोयले का ही इस्तेमाल होगा. अगर कहीं भी शिकायत हुई तो ढाबा संचालक के खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

कलेक्टर ने आदेश में कहा है कि पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जिसे दूर करने के लिए हर किसी का सामाजिक दायित्व है. कलेक्टोरेट के सभा कक्ष में आयोजित ढाबा संचालकों की बैठक में कलेक्टर ने व्यवस्था लागू करने की बात कही. उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशानुसार जिला स्तर पर प्रदूषण को रोकने आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. ढाबा संचालक खाना बनाने के लिए व्यावसायिक गैस सिलेंडरों का उपयोग करें.

ढाबा में तंदूरी रोटी बनाने के तंदूर में लकड़ी के कोयला के अतिरिक्त किसी अन्य ईंधन का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित होगा. सभी ढाबा संचालक 20 दिसंबर तक आवश्यक व्यवस्था कर लें. कलेक्टर ने यह भी तय किया कि ढाबों में भारी मात्रा में कचरा निकलता है तो उसके निपटारे के लिए निगम से संपर्क कर निस्पादन किया जाए.