Strawberry Farming: यू तो छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और यहां के चावल न केवल देश बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाते है. लेकिन अब न केवल छत्तीसगढ़ का चावल बल्कि स्ट्रॉबेरी (Strawberry) भी पूरा देश खाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि जशपुर के बगीचा विकासखंड में पड़े पैमाने में इसकी खेती की जानी शुरू हो चुकी है. पिछले करीब दो महीनों में 50 हजार से अधिक स्ट्रॉबेरी के पैधों लगाए गए है, जिसमें अब फल आने भी शुरू हो गए है. यही कारण है कि यहां की स्ट्रॉबेरी पूरे देश में सप्लाई होगी. वैसे इस क्षेत्र की लिची भी अपने आप में काफी प्रख्यात है.

25 किसानों को दिए गए है Strawberry के 2-2 हजार पौधे

इसी साल 22 सितंबर को जशपुर के 6 गांव के 25 किसानों को पौधों का वितरण किया गया था. इससे पहले वर्ष 2018 में बगीचा विकासखंड के ग्राम सन्ना में प्रयोग के तौर पर 2 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती प्रयोग के तौर पर हुई थी. दूसरी बार प्रयोग के तौर पर 5 गांव में स्ट्रॉबेरी लगवाई गई. अनुकूल जलवायु होने की वजह से उत्पादन पहले भी बेहतर हुआ था और अभी पाठ इलाके के अन्य इलाकों में भी बेहतर फल आ रहे हैं. बता दें कि हर एक किसान को 2 हजार पौधे दिए गए थे.

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