लखनऊ. देश में कोरोना बेकाबू हो चुका है. हर रोज ओमीक्रॉन (Omicron) के नए मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. ओमीक्रॉन को लेकर लोगों में दहशत साफ देखी जा सकती है. इसी बीच एक अच्छी खबर निकलकर सामने आई है. सीडीआरआई (CDRI) के वैज्ञानिकों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी टेस्टिंग किट बनाई है, जिसमें 4 घंटे में ओमीक्रॉन वायरस का पता चल जाएगा. यह देश में बनी पहली स्वदेशी किट है, जिसका नाम इंडिगो ओम रखा गया है.

वैज्ञानिकों ने बनाई स्वदेशी किट

कोविड-19 का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) भारत में तेजी से पैर पसार रहा है. कई जगह इसके कम्यूनिटी स्प्रेड की बात भी कही जा रही है. अभी तक जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए, ओमीक्रॉन का पता किया जाता है, जबकि आरटीपीसीआर टेस्ट के जरिए केवल कोविड-19 संक्रमण का पता चलता था. सीडीआरआई के वैज्ञानिकों की एक टीम ने ओमीक्रॉन की पहचान के लिए इंडिगो ओम नाम की स्वदेशी किट बनाई है.

सीडीआरआई के डायरेक्टर तापस कुंडू के मुताबिक यह नया वायरस ओमीक्रॉन (Omicron) आरटीपीसीआर टेस्ट के जरिए पकड़ में नहीं आता था, जिसके लिए जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाती थी. इसके लिए हमारे वैज्ञानिकों ने RT-PCR किट ओम की खोज की है, जिसका ट्रायल हमने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में किया है. ट्रायल के बाद अब यह किट जल्द ही जनता के बीच में उपलब्ध हो सकेगी.

4 घंटे में आ जाएगा रिजल्ट

किट को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों के लीडर अतुल गोयल ने बताया कि 60 दिनों के अंदर इस टेस्टिंग किट को विकसित किया गया है. इस किट के जरिए ओमीक्रॉन का पता लगाना आसान है. मात्र 4 घंटे के भीतर ही किट के जरिए ओमीक्रॉन वेरिएंट का पता चल जाएगा.

केजीएमसी के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर अमिताभ जैन का कहना है कि बहुत से लोग टेस्टिंग के लिए आते हैं, लेकिन जिस तरीके से सीडीआरआई के वैज्ञानिकों ने टेस्ट किया है, उसमें इसके सक्सेसफुल रेट है. उन्होंने हमसे सहयोग लिया था. उसके बाद हम लोगों ने उसको तैयार किया और टेस्टिंग सफल रही. हालांकि, जब तक किट आम आदमी के हाथ में नहीं आ जाती, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता.

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