बिहार के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) किया जाएगा। दिल्ली निर्वाचन आयोग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। अधिकारियों के अनुसार यह कदम राजधानी में मतदाता सूची की सटीकता और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। हालांकि अभी तक एसआईआर की औपचारिक तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन जमीनी स्तर का काम अंतिम चरण में है। इस प्रक्रिया के लिए संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) दिया जा रहा है, ताकि अभियान शुरू होते ही मतदाता सूचियों का अद्यतन सुचारु रूप से हो सके। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, इस पुनरीक्षण के दौरान पात्र नए मतदाताओं को जोड़ा जाएगा, वहीं मृतक अथवा स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे। अधिकारियों का मानना है कि इससे आगामी चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
क्या-क्या तैयारियां हो रही है?
अधिकारियों ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के कार्यालय में रिक्तियों को भरा जा रहा है और बूथ स्तर अधिकारियों (BLO) को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही, मतदान केंद्रों के पुनर्गठन और रिकॉर्ड सुधार का काम भी जारी है ताकि प्रक्रिया शुरू होते ही इसे तेजी से लागू किया जा सके। निर्वाचन आयोग का कहना है कि इस पुनरीक्षण के जरिए न सिर्फ पात्र नए मतदाताओं को जोड़ा जाएगा, बल्कि मृतक और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने का भी काम होगा। इससे मतदाता सूची की खामियां दूर होंगी और अगले चुनावों से पहले पारदर्शिता और निष्पक्षता को और मजबूती मिलेगी।
बिहार के अनुभव से सबक, दिल्ली में बढ़ी उम्मीदें
हाल ही में बिहार में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण ने सियासी बहस को जन्म दिया था। यह 2003 के बाद पहला बड़ा अभियान था, जिसमें मतदाता सूची की समीक्षा की गई और कुल मतदाता संख्या 7.9 करोड़ से घटकर 7.24 करोड़ रह गई। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि इससे लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, लेकिन निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि यह कदम केवल पात्र नागरिकों को शामिल करने और अपात्र नाम हटाने के लिए उठाया गया। दिल्ली में यह पहल मतदाता सूची को अद्यतन करने और चुनावी पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आयोग का मानना है कि इससे आने वाले चुनावों से पहले खामियां दूर होंगी और मतदाताओं को बेहतर सुविधा मिलेगी।
दिल्ली में कुल मतदाता और भविष्य की रणनीति
दिल्ली में मतदाता सूची के आंकड़े भी जारी किए गए हैं। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2025 के अनुसार राजधानी में फिलहाल कुल 1,55,24,858 पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिलाएं और 1,261 तृतीय लिंग के मतदाता शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि भले ही दिल्ली में फिलहाल कोई चुनाव निर्धारित नहीं है, लेकिन समय रहते तैयार रहना जरूरी है। आयोग का मानना है कि इस पहल से आने वाले चुनावों से पहले खामियां दूर होंगी और मतदाताओं को बेहतर सुविधा मिलेगी।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कर दिया है कि वह निर्वाचन आयोग को एक संवैधानिक प्राधिकरण मानता है और बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया को कानूनसम्मत मान चुका है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार पर दिया गया फैसला पूरे देश में एसआईआर के लिए लागू होगा।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ किया है कि निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक प्राधिकरण है और न्यायालय उसे एसआईआर करने से रोक नहीं सकता। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि बिहार पर दिया गया फैसला पूरे देश में एसआईआर के लिए लागू होगा। हालांकि अदालत ने यह भी जोड़ा कि अगर बिहार में एसआईआर के किसी भी चरण में आयोग की कार्यप्रणाली में अवैधता पाई जाती है तो पूरी प्रक्रिया रद्द की जा सकती है। गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने पूरे देश में यह कवायद शुरू करने का ऐलान किया है।
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