चंडीगढ़। पंजाब में अब विधानसभा चुनाव 14 फरवरी को नहीं होंगे. चुनाव आयोग ने इसकी तिथि बदलकर 20 फरवरी कर दी है. उल्लेखनीय है कि कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से चुनाव तिथि बदलने का आग्रह किया था. अब 20 फरवरी को सभी 117 सीटों पर वोट डाले जाएंगे और 10 मार्च को काउंटिंग होगी.

 

25 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया

25 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी. 1 फरवरी तक दावेदार नामांकन दाखिल कर सकेंगे. 16 फरवरी को श्री गुरु रविदास जी की जयंती है. जिसके चलते पंजाब से लाखों श्रद्धालु गुरु के जन्मस्थान के दर्शन के लिए उत्तर प्रदेश के वाराणसी जाते हैं. ऐसे में चुनाव टालने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव आयोग से अपील की थी. कहा था कि करीब 20 लाख आबादी को मतदान से जुड़ी दिक्कत हो सकती है.

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पंजाब सीएम चन्नी ने भी की थी चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की मांग

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने निर्वाचन आयोग से रविदास जयंती को देखते हुए मतदान को 6 दिन के लिए टालने का अनुरोध किया था. उन्होंने 20 जनवरी को वोटिंग कराए जाने की मांग की थी. ये मांग भाजपा, बसपा सहित अन्य पार्टियों ने भी की थी.

 

भाजपा ने भी उठाई थी वोटिंग टालने की मांग

भाजपा की पंजाब इकाई के महासचिव सुभाष शर्मा ने रविवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा को लिखे एक पत्र में चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की मांग करते हुए कहा था, ”राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी आबादी है, जो पंजाब की आबादी का लगभग 32 प्रतिशत है.” शर्मा ने लिखा था कि ”इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गुरुपर्व मनाने के लिए जाएंगे. इस कारण से उनके लिए मतदान प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं होगा, इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि मतदान की तिथि को आगे बढ़ाया जाए, ताकि पंजाब के ये मतदाता चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकें.” पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के संस्थापक कैप्टन अमरिंदर सिंह भी यह मांग कर चुके थे.

 

वाराणसी रवाना होंगे श्रद्धालु

बता दें कि पंजाब में 32% अनुसूचित जाति के लोग हैं. 16 फरवरी को श्री गुरु रविदास जी की 645वीं जयंती है, ऐसे में लाखों लोग उनके जन्मस्थान गोवर्धनपुर जाते हैं. यह स्थान उत्तर प्रदेश के वाराणसी में है. जयंती के दिन दर्शन की इच्छा से पंजाब के लोग 13-14 फरवरी को ही स्पेशल ट्रेनों के जरिए पंजाब से रवाना हो जाएंगे. लोग 16 के एक-दो दिन बाद तक वापस लौटते रहेंगे, ऐसे में वह मतदान में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. पंजाब के दोआबा क्षेत्र और खासकर जालंधर में श्री गुरु रविदास जी के सबसे ज्यादा श्रद्धालु हैं. वह भी चुनाव की तारीख के विरोध में थे. श्रद्धालुओं का कहना था कि वह लोकतंत्र के इस अहम पड़ाव में योगदान देना चाहते हैं, लेकिन आयोग की दूरदर्शिता में कमी की वजह से वह वोट देने से वंचित रह सकते हैं. इन सारी बातों को देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदानव की तारीख बढ़ा दी है.

 

वोटिंग डेट आगे बढ़ाने के लिए ये पार्टियां लिख चुकी थीं पत्र

पंजाब में चुनाव की तारीख टालने की मांग सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी ने उठाई. बसपा के पंजाब प्रधान जसबीर गढ़ी ने कहा कि यह तारीख 20 फरवरी की जानी चाहिए. इसके बाद कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने पत्र लिखकर चुनाव टालने को कहा. हालात देख भाजपा, कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव ढींढसा की शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) ने भी चुनाव टालने की मांग की.