रायपुर. अब मृत रेलकर्मियों की अनपढ़ पत्नी को भी रेलवे में नौकरी मिलेगी. यही नहीं उन्हें नजदीक के दफ्तरों में ही तैनाती दी जाएगी, जहां अधिकतम आठ घंटे ही काम करना पड़ेगा. रेलवे ने नियमों में बदलाव कर शैक्षिक योग्यता की अनिवार्यता खत्म कर दी है. इस आदेश से पूर्वोत्तर रेलवे में सौ से ज्यादा मृत रेलकर्मियों की पत्नियों की नौकरी का रास्ता साफ हो गया है. रेलवे में मृतक आश्रित के तौर पर न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल है, जबकि खलासी व रनिंग स्टाफ पर तैनाती के लिए आईटीआई पास होना जरूरी है. शैक्षिक योग्यता की अनिवार्यता के चलते मृत रेलकर्मियों की अनपढ़ पत्नियों के सामने समस्या खड़ी हो जाती है. इनमें ज्यादातर मामले कीमैन, गैंगमैन, पेट्रोलिंग मैन, खलासी के पदों पर तैनात रहे रेलकर्मियों से जुड़े हैं.

पत्नी के पढ़े-लिखे न होने से नौकरी तो मिली नहीं, नई पेंशन स्कीम लागू होने के चलते उन्हें पेंशन भी नहीं मिल पा रही है. इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर ने सभी रेलवे जोन को निर्देश जारी किए हैं. इसमें यह भी कहा गया है कि महिला के पढ़े-लिखे होने की स्थिति में क्लास थ्री में नौकरी दी जाएगी.

मृत रेलकर्मी की निरक्षर पत्नियों को चतुर्थ श्रेणी में नौकरी दी जाएगी. रेलवे बोर्ड का निर्देश आया है. इस नियम के तहत आवेदन करने वाली महिलाओं को तैनाती दी जाएगी.

संजय यादव, सीपीआरओ, एनईआर