अमित पांडेय, खैरागढ़. जिला मुख्यालय में आज एक अलग ही नजारा देखने को मिला। सड़कों पर कुछ चेहरों पर शर्म की लाली थी तो वहीं आम लोगों के चेहरों पर संतोष की झलक थी। यह सब खैरागढ़ पुलिस की उस सख्त कार्रवाई के चलते हुआ, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर शराब पिलाने और उपद्रव करने वालों को न केवल गिरफ्तार किया गया, बल्कि उन्हें सरेआम शहर में पैदल घुमाकर जुलूस निकाला गया।
पुलिस ने यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ की, जो खुलेआम सार्वजनिक स्थलों को नशे का अड्डा बना रहे थे। धरमपुरा, तूरकारीपारा और दाऊउचौरा क्षेत्र में दबिश देकर पुलिस ने पांच आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा, जो सड़क किनारे शराब पिलाने की सुविधा मुहैया करा रहे थे। इन सभी के खिलाफ छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम की धारा 36(C) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पकड़े गए आरोपियों में अमित कंडारा, चेतन सारथी, गणेश निषाद, संजय ढीमर और मनीष यादव शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि इन लोगों की वजह से न केवल क्षेत्र की शांति भंग हो रही थी, बल्कि युवाओं को गलत दिशा में धकेलने का काम भी हो रहा था। वहीं दूसरी ओर उन लोगों पर भी सख्त कार्रवाई की गई, जो क्षेत्र में उपद्रव फैला रहे थे और आम जनजीवन को बाधित कर रहे थे। फनीश उर्फ अमन रजक, भोजराज उर्फ बुटीक रजक और त्रिभुवन ध्रुव नामक व्यक्तियों को पकड़कर उनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए न्यायालय में पेश किया गया।
पुलिस का संदेश – अपराध फैलाने वालों के लिए अब कोई जगह नहीं
पुलिस ने इन उपद्रवियों को पूरे शहर में पैदल जुलूस के रूप में घुमाया, ताकि समाज में एक स्पष्ट संदेश जा सके कि कानून तोड़ने वालों को अब सरेआम शर्मिंदगी झेलनी होगी। इस कार्रवाई से एक ओर जहां अपराधियों में डर का माहौल बना है, वहीं आम नागरिकों में राहत की भावना देखी जा रही है। खैरागढ़ पुलिस की यह सख्त और संदेशात्मक कार्रवाई यह साफ कह रही है कि शहर में अपराध और अराजकता फैलाने वालों के लिए अब कोई जगह नहीं है।
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