
दिल्ली में महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों और सुनसान इलाकों में परेशान करने वाले मनचलों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने ऐसे तत्वों को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उत्तर प्रदेश के एंटी रोमियो दस्ते की तरह, दिल्ली के प्रत्येक जिले में ‘शिष्टाचार दस्ते’ तैनात किए गए हैं, जो महिलाओं के लिए खतरा बन चुके समाज विरोधी लोगों पर नज़र रखेंगे.
दिल्ली पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और छेड़छाड़ की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए ‘शिष्टाचार’ दस्तों की स्थापना की है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये दस्ते जिला स्तर पर सक्रिय हैं और मॉल, स्कूलों तथा बाजारों के आस-पास की जगहों पर सख्त निगरानी रख रहे हैं. इसका उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ छेड़छाड़ और अन्य प्रकार के उत्पीड़न को रोकना है.
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पुलिस की पैनी नजर
दिल्ली पुलिस के एक बयान के अनुसार, ‘शिष्टाचार’ दस्तों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षित सार्वजनिक वातावरण को सुनिश्चित करना है. अधिकारियों ने बताया कि गश्त के दौरान इन दस्तों ने संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों को हिरासत में लिया है. रोहिणी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त विष्णु कुमार ने कहा कि ये छेड़छाड़ विरोधी दस्ते उन व्यक्तियों पर नजर रख रहे हैं, जो संदिग्ध प्रतीत होते हैं या गुंडागर्दी कर रहे हैं, जिससे महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर स्वतंत्र रूप से चलना कठिन हो रहा है.
रिकॉर्ड निकला गलत को पुलिस सिखाएगी सबक
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि कुछ व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पुलिस थानों में भेजा गया है. उन्होंने बताया कि यदि हिरासत में लिए गए व्यक्तियों का रिकॉर्ड सही पाया गया, तो उन्हें चेतावनी देकर रिहा कर दिया जाएगा. इसके अलावा, ऐसी गतिविधियों में शामिल नाबालिगों के माता-पिता को भी बुलाया गया और उचित परामर्श के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.
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