मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। कुछ इमारतें बदल जरूर जातीं हैं, लेकिन इतिहास हमेशा उनके साथ रहता है। कुछ ऐसा ही किस्सा है भोपाल के नवाबी काल से सुल्तानिया जनाना अस्पताल का। 103 साल पुराना सुल्तानिया जनाना अस्पताल अब सिर्फ यादों में ही रहेगा। पिछले साल हमीदिया रोड स्थित इस अस्पताल को हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया था। तीन महीने पहले 17 सितंबर को बिल्डिंग तोड़ने का काम शुरू हुआ। अब बिल्डिंग को लगभग पूरा तोड़ दिया गया है।
एक शताब्दी पुराने सुल्तानिया में 1.20 लाख डिलीवरी हुई। अब यहां 350 बिस्तर का नया अस्पताल बनना है। इसकी बिल्डिंग बनाने के लिए सभी जरूरी कार्रवाई पूरी कर ली गई है। बिल्डिंग का मलबा उठने के साथ ही नई बिल्डिंग का निर्माण शुरू हो जाएगा। बिल्डिंग डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन के अधिकारियों की मानें तो मौजूदा बिल्डिंग का मलबा हटाकर 15 दिसंबर तक मैदान साफ कर दिया जाएगा। ऐसे में उम्मीद है कि दिसंबर में अंत तक यहां काम शुरू हो जाएगा।
अब तक निकल चुका है 32 टन लोहा
बिल्डिंग को तोड़ने का काम दिल्ली की फर्म ने लिया है। इसके एवज में फर्म ने 1 करोड़ 2 लाख रुपए चुकाए हैं। फर्म बिल्डिंग से निकलने वाला लोहा, लकड़ी, अलंगे(बड़े पत्थर) और मलबा समेत अन्य सामान बेच सकेगी। बताया गया है कि कंपनी अब तक बिल्डिंग से निकला करीब 32 टन लोहा उठवा चुकी है। जबकि, अभी भी भारी तादाद में लोहा और मलबा यहां बाकी है।
जानिए सुल्तानिया अस्पताल के बारे में
इस अस्पताल की नींव 1890 में डाली गई थी। 1920 में अस्पताल बनकर तैयार हुआ। 2022 में शिफ्टिंग से पहले तक 1.2 लाख से भी ज्यादा डिलीवरी यहां हुईं। सुल्तानिया अस्पताल को गांधी मेडिकल कॉलेज का गायनिक डिपार्टमेंट संचालित करता था। यह विभाग हमीदिया कैंपस में शिफ्ट हो गया है।
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