प्रतीक चौहान. नया रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनआरडीए) ने विभिन्न कार्यक्रमों को कराने के लिए इम्पनलमेंट करने के लिए एक टेंडर निकाला है. लेकिन इसमें एक ऐसी शर्त रखी है, जिसका फायदा छोटे-छोटे इवेंट करने वाली कंपनियों को नहीं मिलेगा, इस शर्त को क्यों रखा गया है इसके पीछे की कोई खास वजह खुद एनआरडीए के अधिकारी भी नहीं बता पा रहे है.
इस इम्पेनलमेंट टेंडर में शर्त रखी गई है कि इसके लिए एलिजिबल वहीं कंपनी होगी जिसका सालाना टर्नओवर 30 लाख रूपए का हो लास्ट (3 फाइनेंशल इयर) इसमें 2021-22,22-23-23-24 और 2024-25 शामिल है.


अब आप सोच रहे होंगे कि यहां तक की शर्ते तो काफी सामान्य है कि इवेंट का संचालन करने वाली कंपनी का सालाना टर्नओवर 30 लाख रूपए का तो होना ही चाहिए, लेकिन यही एनआरडीए के अधिकारियों ने एक ऐसी शर्त रखी जिससे आपका दिमाग भी चकरा जाएगा. इसके बाद एनआरडीए ने एक शर्त ये रखी कि टेंडर के लिए एलिजिबल वही होगा जिसके पास 30 लाख रूपए का एक काम का वर्क ऑर्डर हो या 20-20 लाख के दो.
अब सवाल ये है कि जिस कंपनी को 30 लाख रुपए के एक वर्कऑर्डर का काम मिलने की क्षमता होगी उसका सालाना टर्नओवर तो करोड़ों में होगा, क्योंकि कंपनी सालभर काम करेगी, न कि एक काम कर के सालभर आराम.
एनआरडीए के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जिन्होंने ये टेंडर निकाला है, उनसे लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने बात की और इस शर्त को समझने की कोशिश की. इसका सीधा-सीधा कोई जवाब तो उनके पास भी नहीं था, उनका ये कहना था कि उन्हें तो ऐसे फोन आ रहे है जिसमें इवेंट कंपनी वाले ये कह रहे है कि सालाना टर्नओवर इतना कम क्यों रखा गया है, इसको ज्यादा करिए.
इसके अतिरिक्त उन्होंने इस मामले में अपना कोई भी पक्ष नहीं रखा.
वहीं इवेंट कंपनियों के लोगों ने आरोप लगाए है कि बड़ी इवेंट कंपनियों को फायदा पहुंचाने और छोटी-छोटी इवेंट कंपनियों को इससे बाहर करने ये शर्त जानबुझकर जोड़ी गई है. सवाल ये भी है कि जिस कंपनी का सालाना टर्नओवर 30 लाख का होगा उसे एक वर्क ऑर्डर 30 लाख का कैसे कोई शासकीय विभाग देगा ? अब इस मामले में EE समेत जिम्मेदारों की शिकायत मंत्री से की तैयारी की जा रही है. लल्लूराम डॉट कॉम तक अपनी खबर पहुंचाने के लिए 9329111133 पर संपर्क कर सकते है.