भुवनेश्वर। ओडिशा की नुआपड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. यह उपचुनाव बीजद विधायक राजेंद्र ढोलकिया के निधन के बाद हो रहा है और 2024 के आम चुनावों के बाद का पहला बड़ा राजनीतिक मुकाबला माना जा रहा है.

बीजद, जिसने पिछली बार यह सीट जीती थी, इस बार आंतरिक चुनौतियों का सामना कर रही है. पार्टी में टिकट के कई दावेदार हैं. चर्चा है कि सहानुभूति लहर का फायदा उठाने के लिए बीजद दिवंगत विधायक के परिवार के किसी सदस्य को उम्मीदवार बना सकती है. हालाकि, इस पर अभी कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है. यदि परिवार से उम्मीदवार नहीं चुना गया, तो असंतोष की स्थिति भी पैदा हो सकती है.

सत्तारूढ़ भाजपा की रणनीति को लेकर भी अटकलें तेज़ हैं. पिछले चुनाव में पार्टी ने पूर्व सांसद बसंत पंडा के बेटे अभिनंदन पंडा को मैदान में उतारा था, जो तीसरे स्थान पर रहे थे. इस बार बसंत पंडा के खुद चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है, हालांकि अभिनंदन पंडा को फिर से मौका मिलने की चर्चा भी है. पार्टी ने फिलहाल कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है.

कांग्रेस की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है. पिछली बार पार्टी उम्मीदवार और पूर्व पीसीसी अध्यक्ष शरत पटनायक चौथे स्थान पर रहे थे, जिससे उनके टिकट मिलने की संभावना कम मानी जा रही है. वहीं, 2024 के चुनावों में निर्दलीय रहते हुए दूसरे स्थान पर रहे गाजीराम माझी का नाम सबसे आगे चल रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस उन्हें पार्टी टिकट दे सकती है. यदि ऐसा नहीं हुआ, तो वे फिर से निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं.

राजनीतिक हलकों में नुआपड़ा उपचुनाव को लेकर खासा उत्साह है. भाजपा के प्रदेश प्रभारी विजय पाल सिंह तोमर ने दावा किया है कि पार्टी की जीत तय है. हालांकि, बीजद और कांग्रेस की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है.