भुवनेश्वर। नुआपड़ा उपचुनाव के लिए प्रचार का मैदान सज रहा है. तीनों दल अपनी ताकत दिखा रहे हैं. घर-घर जाकर प्रचार के साथ जनता के करीब जाने की कोशिश की जा रही है. तीनों दल जनता का विश्वास जीतने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में किसी भी तरह की राजनीतिक अशांति न फैले, इसके लिए कड़ी तैयारी की गई है. इस बात पर ज़ोर दिया जा रहा है कि सब कुछ शांति और व्यवस्था के साथ कैसे हो.

इसलिए, नुआपड़ा उपचुनाव को लेकर डीजीपी की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई है. डीजीपी ने स्वतंत्र और निष्पक्ष उपचुनाव कराने पर ज़ोर दिया है. उन्होंने चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने और वीआईपी व वीवीआईपी के दौरे से जुड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के दिशानिर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सीआरपीसी की धारा 110/107 के तहत संदिग्धों को गिरफ्तार करने, अवैध धन शोधन को रोकने, अवैध हथियारों और अवैध शराब की ज़ब्ती करने और लंबित वारंट पर उन्हें गिरफ्तार करने पर ज़ोर दिया. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय कुमार ने मोबाइल गश्त और उड़नदस्तों के कार्य को बढ़ाने और निर्वाचन क्षेत्रों के विभिन्न प्रवेश द्वारों पर नाका चौकियाँ स्थापित करके संदिग्धों और उनके वाहनों की गहन जाँच करने पर ज़ोर दिया. राज्य खुफिया निदेशक कोचे ने उपचुनाव से संबंधित महत्वपूर्ण खुफिया सूचनाओं पर प्रकाश डाला और पुलिस उपमहानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक को जिले की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नज़र रखने की सलाह दी.

एडीजीपी संजीव पांडा ने कहा कि उपचुनाव के दौरान संभावित माओवादी गतिविधियों को रोकने के लिए जिले के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में तलाशी अभियान और माओवाद विरोधी अभियान तेज़ किए जाएँगे. इस बीच, चुनाव को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सीएपीएफ की 14 कंपनियाँ, राज्य ओएसएपी और एपीआर की 5 प्लाटून, 35 मोबाइल गश्ती दल, 18 उड़नदस्ते, 18 एसएसटी के साथ-साथ जिला पुलिस अधिकारी/कर्मचारी तैनात रहेंगे. ये सभी चप्पे-चप्पे पर नज़र रखेंगे. किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने पर ज़ोर दिया जा रहा है. अगर कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न होती है, तो उससे निपटने की भी तैयारी कर ली गई है.