कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। प्रदेशभर में डॉग बाइट की घटनाओं के बाद सीएम शिवराज एक्शन में है. इस संबंध में निर्देश दे चुके हैं,. वही बात यदि ग्वालियर की जाए, तो यहां भी आवारा डॉग्स की संख्या 45 हजार को पार कर चुकी है. संख्या बढ़ने के साथ ही डॉग बाइट के मामले भी तेजी से बढ़े हैं, लेकिन इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए निगम के अभियान के बीच एनिमल लवर एक बड़ा रोड़ा बन गए हैं.

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ग्वालियर शहर में मासूम से लेकर बुजुर्ग तक और आम से लेकर खास तक कोई भी आवरा डॉग्स से सुरक्षित नहीं है. क्योंकि शहर में आवारा डॉग्स गली मोहल्ले के साथ ही सड़क पर आसानी से मौजूद है. यही वजह है कि इनकी बढ़ती संख्या के साथ शहर में डॉग बाइट की घटनाओं के मामले भी बढ़ रहे हैं. जिसके चलते इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ग्वालियर नगर निगम द्वारा आवारा डॉग्स को पकड़ने का अभियान शुरू किया गया है. लेकिन इन कार्रवाइयों के बीच एनिमल लवर्स एक बड़ी चुनौती बन गए हैं.

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आरोप है कि एनिमल लवर नगर निगम के इस अभियान के दौरान पकड़े गए आवारा डॉगस को पिंजरे से आजाद कर देते हैं. जब निगम कर्मचारी इस बात का विरोध करते हैं, तो उनके साथ अभद्रता और मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. वहीं एनिमल लवर्स द्वारा नगर निगम पर ही उल्टे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उनका कहना है कि नगर निगम इस भीषण गर्मी के बीच मूक जानवरों पर अत्याचार कर रहा है.

निगम द्वारा आवारा डॉग्स को पकड़ने से उन्हें और उनके साथियों को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इस कार्रवाई के दौरान पकड़े गए आवारा डॉग्स को बिरला नगर स्थित सेंटर्स पर ले जाया जरूर जाता है, लेकिन उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जा रहा है. जहां उन्हें खाने को भी नहीं दिया जाता. इसके साथ ही उनकी नसबंदी कराए जाने के बाद दी जाने वाली डे-केयर भी उन्हें नहीं मिलती है. जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है और उनकी जान चली जाती है.

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एनिमल लवर्स और नगर निगम के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोप से परे आम व्यक्ति भी आवारा कुत्तों से परेशान है. उनकी मांग है कि आवारा कुत्तों को शहर के बाहर या उचित स्थान पर भेजा जाना चाहिए, ताकि वह और उनके नौनिहाल सुरक्षित रह सके. बता दें कि ग्वालियर में हर रोज 1 दर्जन से अधिक घटनाये डॉग बाइट की सामने आ रही है. जिनमें सबसे ज्यादा शिकार मासूम बच्चे और स्कूली छात्र छात्राएं हो रही हैं. यही वजह है कि लगातार घटनाओं के सामने आने पर आवारा डॉग्स को पकड़कर उनकी नसबंदी की कार्रवाई तेज की गई है.

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