नई दिल्ली। पेगासस पर एक अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन में नए खुलासे के बाद, कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार प्रतिद्वंद्वियों की जासूसी की पूरी घटना में शामिल है, जो देशद्रोह का कार्य है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयुक्त रूप से कहा कि जासूसी एक ‘देशद्रोह का कार्य’ है।

उन्होंने कहा, “मोदी सरकार इजरायली निगरानी स्पाइवेयर पेगासस के माध्यम से अवैध और असंवैधानिक जासूसी रैकेट की तैनाती और निष्पादक है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी स्वयं इसमें शामिल हैं!”

सुरजेवाला ने कहा, “मोदी सरकार ने 2017 में पेगासस स्पाइवेयर और अन्य सैन्य प्रौद्योगिकी को पीएम मोदी की यात्रा के दौरान इजरायल से ‘लगभग 2 बिलियन डॉलर के हथियार और खुफिया गियर’ सहित एक पैकेज के ‘केंद्रबिंदु’ के रूप में खरीदा था। यह कोई संयोग नहीं है कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) का एनएसए को रिपोर्ट करने वाला बजट 2017-18 में 33 करोड़ रुपये से बढ़कर 333 करोड़ रुपये हो गया।”

उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने राहुल गांधी और उनके स्टाफ सदस्यों की जासूसी करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर तैनात किया। पूर्व पीएम देवेगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री – सिद्धारमैया और कुमारस्वामी, भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, भाजपा कैबिनेट मंत्री, प्रह्लाद सिंह पटेल, उनकी पत्नी और कर्मचारी, वर्तमान आईटी मंत्री, अश्विनी वैष्णव और उनकी पत्नी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ओएसडी, अभिषेक बनर्जी, सांसद और सुश्री ममता बनर्जी के भतीजे, प्रवीण तोगड़िया, विहिप के पूर्व प्रमुख व अन्य के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया गया।”

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इतना ही नहीं, पेगासस स्पाइवेयर लक्ष्य सूची में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी शामिल हैं; भारत चुनाव आयोग, सीबीआई निदेशक, अधिवक्ता, कार्यकर्ता और यहां तक कि प्रमुख मीडिया संगठनों के पत्रकार भी शामिल हैं।

पार्टी ने मोदी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया, जिसने सीधे तौर पर संदिग्ध सॉफ्टवेयर की खरीद और उपयोग पर सवाल उठाया था।