कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में OBC बैकलॉग पदों को लेकर चल रही सुनवाई में कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। याचिका में आरोप है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) और राज्य सरकार ने OBC के बैकलॉग पदों में हेराफेरी की है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि 2019 और 2022 की भर्ती प्रक्रिया में OBC के 31 बैकलॉग पदों को शामिल नहीं किया गया, बल्कि इन्हें होल्ड रखकर 200 नए पदों पर भर्ती शुरू की गई।
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हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार और MPPSC से जवाब मांगा था, लेकिन पर्याप्त अवसर देने के बावजूद दोनों पक्ष ठोस जवाब पेश नहीं कर सके। कोर्ट की सुनवाई में सामने आया कि सरकार और आयोग एक-दूसरे पर जवाबदेही डाल रहे हैं। इस रवैये पर नाराजगी जताते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि अब और समय बर्बाद नहीं होगा। कोर्ट ने दोनों पक्षों को 9 सितंबर 2025 तक जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है।
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कोर्ट ने साफ किया कि असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की पूरी प्रक्रिया अब उसके अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए बैकलॉग पदों को 2024 में नए सिरे से विज्ञापित करने का भी आरोप है। अगली सुनवाई 9 सितंबर 2025 को होगी, जिसमें सरकार और MPPSC को अपना जवाब पेश करना होगा।
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