नई दिल्ली। शारदा यूनिवर्सिटी में परीक्षा के दौरान छात्रों से हिंदुत्व को लेकर ऐसा प्रश्न पूछा गया, जिससे ना केवल छात्र संगठन नाराज हैं, बल्कि खुद यूजीसी ने भी यूनिवर्सिटी को जवाब तलब किया है. गौरतलब है कि शारदा यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स फर्स्ट ईयर के एग्जाम में छात्रों से फासीवाद और हिंदू दक्षिणपंथी (हिंदुत्व) में समानता पर विवादित प्रश्न पूछा गया था. इस प्रश्न को लेकर अब यूजीसी हरकत में आ गया है. यूजीसी ने विश्वविद्यालय से ऐसा प्रश्न पूछे जाने को लेकर रिपोर्ट मांगी है, साथ ही विश्वविद्यालय से पूछा गया है कि भविष्य में इस प्रकार के अनुचित प्रश्न परीक्षाओं में न आएं, इसके लिए विश्वविद्यालय क्या कदम उठा रहा है.
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प्रोफेसर वकास फारूख को सस्पेंड कर कारण बताओ नोटिस जारी
शारदा यूनिवर्सिटी के मुताबिक उनकी जानकारी में यह प्रश्न आने के बाद विश्वविद्यालय ने प्रश्न पत्र तैयार करने वाले प्रोफेसर वकास फारूख को सस्पेंड कर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है. वहीं यूजीसी ने इस पूरे प्रकरण पर शारदा यूनिवर्सिटी को एक लेटर भेजा है. इसमें यूजीसी ने विश्वविद्यालय से कहा कि छात्रों से इस प्रकार के प्रश्न पूछना ना केवल गलत है, बल्कि हमारे देश की भावना और लोकाचार के खिलाफ भी है. यूजीसी ने कड़ा रुख अपनाते हुए विश्वविद्यालय से कहा कि हमारी शिक्षा-व्यवस्था और हमारा देश एकरूपता और समावेशी कल्चर के लिए जाना जाता है, जिसमें ऐसे प्रश्न नहीं होने चाहिए.
विश्वविद्यालय ने शुरू की जांच, 3 सदस्यीय समिति का गठन
हालांकि विश्वविद्यालय का कहना है कि उन्होंने पहले से ही इस मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस और सस्पेंड करने के बावजूद प्रश्न को लेकर पूर्वाग्रह की जांच के लिए विश्वविद्यालय ने तीन सदस्य समिति बनाई है. विश्वविद्यालय का कहना है कि इस विशेष समिति ने अपनी जांच भी प्रारंभ कर दी है और पॉलिटिकल साइंस की परीक्षा में पूछे गए प्रश्न को आपत्तिजनक पाया है. साथ ही इस प्रश्न के आधार पर छात्रों का मूल्यांकन भी नहीं किया जाएगा. विश्वविद्यालय ने इस संबंध में संबंधित शिक्षकों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं. यूजीसी से पहले इस पूरे मामले पर छात्र संगठनों ने अपनी शिकायत विश्वविद्यालय के समक्ष दर्ज कराई थी. छात्र संघ से जुड़े छात्रों का कहना है कि यह प्रश्न शरारतपूर्ण है और पूर्वाग्रह के चलते पूछा गया था. छात्र संघ के मुताबिक शारदा यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान की परीक्षा में नाजीवाद, फासिज्म और हिदुत्व में समानता पूछने के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय से अपना आधिकारिक विरोध दर्ज कराया.
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ABVP ने परीक्षा के दोबारा आयोजन की मांग की
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय से यह मांग की है कि प्रश्न तैयार करने वाले अध्यापक को स्थायी रूप से निलंबित किया जाए. पूरी परीक्षा का आयोजन दोबारा हो. छात्रों की शिकायत और मांग के आधार पर कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय ने पहले प्रश्न बनाने वाले प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस जारी किया, फिर उसके बाद उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है. विश्वविद्यालय का कहना है कि इस मामले में अब आगे की कार्रवाई 3 सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी. यह समिति इस पूरे मामले की जांच कर रही है और अभी यह जांच पूरी नहीं हो सकी है. जांच पूरी होने के बाद यह कमेटी विश्वविद्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसे छात्रों के साथ साझा भी किया जा सकता है.
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