नई दिल्ली/भुवनेश्वर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास का इस्तीफा स्वीकार किए जाने के कुछ दिनों बाद ही राज्य में मोहन माझी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ आलोचना बढ़ गई है। आरोप है कि उनके बेटे से जुड़े मारपीट के मामले में सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। जुलाई में रघुबर दास के बेटे पर रेलवे स्टेशन पर उन्हें लेने के लिए लग्जरी कार न भेजने पर सरकारी कर्मचारी बैकुंठ प्रधान पर हमला करने का आरोप लगा था।
आरोप है कि 7 जुलाई को पुरी में राज्यपाल के घर पर दास के बेटे और चार अन्य लोगों ने प्रधान पर हमला किया और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उस समय राष्ट्रपति मुर्मू भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा देखने के लिए शहर गए थे। प्रधान को राष्ट्रपति के दौरे की तैयारियों की निगरानी के लिए वहां तैनात किया गया था। 10 जुलाई को उन्होंने न्याय की मांग करते हुए एफआईआर दर्ज कराई। घटना के तुरंत बाद राज्य सरकार ने उन्हें राज्यपाल सचिवालय से स्थानांतरित कर दिया।
बाद में यह मुद्दा ओडिशा विधानसभा में उठाया गया, जहां राज्य सरकार ने कहा कि पुरी के जिला मजिस्ट्रेट आरोपों की जांच कर रहे हैं और एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विधानसभा में मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि उनमें से एक राज्यपाल का बेटा था। दास के इस्तीफे के बाद बीजू जनता दल (बीजेडी) ने बुधवार को निवर्तमान राज्यपाल के बेटे के खिलाफ कार्रवाई की मांग फिर से उठाई।
पार्टी ने कहा कि राज्य के विपक्षी दलों द्वारा इस साल जुलाई में मांग उठाए जाने के बाद आरोपों की जांच का वादा किया गया था। बीजेडी प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने कहा, “सरकार ने पुरी के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जांच की घोषणा की थी, जिसकी रिपोर्ट कुछ दिनों के भीतर सौंप दी जाएगी। हालांकि, यह वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है और कोई कार्रवाई नहीं की गई है।” उन्होंने आगे कहा कि इस घटना पर भाजपा सरकार की चुप्पी राज्य में कमजोर कानून व्यवस्था को उजागर करती है।
मोहंती ने कहा, “हालांकि रघुवर दास को हटा दिया गया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि भाजपा सरकार अब सहायक अनुभाग अधिकारी को न्याय दिलाएगी या नहीं।” सरकारी कर्मचारी के परिजनों ने भी उम्मीद जताई है कि आरोपी के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले, राजभवन की ओर से यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि दास ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दास को 18 अक्टूबर, 2023 को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
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