Odisha News:  ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को जनता की शिकायतों को सीधे सुनने के लिए एक नया और अनोखा तरीका अपनाया. उन्होंने सरकारी शिकायत प्रकोष्ठ के अंदर बैठने के बजाय, बाहर आकर खुद लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना. मुख्यमंत्री ने लोगों से सीधे शिकायतें प्राप्त कीं और संबंधित विभागों के अधिकारियों को तुरंत आवश्यक निर्देश दिए, जिससे समस्याओं का जल्द समाधान किया जा सके.

जनता में दिखी खुशी

जो लोग मुख्यमंत्री माझी से अपनी शिकायतें सीधे रखना चाहते थे, उन्होंने इस पहल की सराहना की और समाधान की उम्मीद जताई.

बोलांगीर जिले के 12 वर्षीय आलोक की मदद

इस दौरान बोलांगीर जिले के सैंतला क्षेत्र से आए 12 वर्षीय दिव्यांग बालक आलोक कालसे की भावनात्मक कहानी सामने आई. जब मुख्यमंत्री को इस बच्चे के बारे में पता चला, तो वे खुद उसके पास पहुंचे और उसकी सेहत की जानकारी ली. उन्होंने तुरंत उसकी गंभीर हालत को समझते हुए एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई, जिससे आलोक को भुवनेश्वर के कैपिटल हॉस्पिटल (Capital Hospital Bhubaneswar) में भर्ती कराया गया.

 आलोक के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, जिससे वे उसके इलाज का खर्च नहीं उठा पा रहे थे. वे मुख्यमंत्री के शिकायत प्रकोष्ठ (CM Grievance Cell) में मदद की उम्मीद लेकर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री के इस त्वरित और संवेदनशील निर्णय से परिवार को बड़ी राहत मिली.

लोगों ने की मुख्यमंत्री की सराहना

एक युवक ने मीडिया से बातचीत में कहा, कि “मुख्यमंत्री ने मेरी शिकायत को खुद सुना और जल्द समाधान का आश्वासन दिया. मुझे खुद उनसे मिलने जाने की जरूरत नहीं पड़ी, बल्कि वे खुद मेरे पास आए. यह देखकर मुझे बहुत खुशी हुई और उम्मीद है कि मेरी समस्या जल्द हल होगी.”

एक बुजुर्ग महिला ने मीडिया से बातचीत में बताया कि “मेरे पति 100% विकलांग हैं, लेकिन उन्हें अब तक पेंशन नहीं मिली है. पिछले नौ महीनों से मैं लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही थी, लेकिन मेरी सुनवाई नहीं हो रही थी. मुख्यमंत्री ने मेरी शिकायत को जिला कलेक्टर को भेजने का आश्वासन दिया और कहा कि सरकारी स्वीकृति मिलने के बाद पेंशन दी जाएगी.”