Odisha News: भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने कथित तौर पर राज्य भर के आदिवासी छात्रों के लिए हाई स्कूलों में 100 से अधिक आदिवासी भाषा प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है.
जनजातीय भाषा प्रयोगशालाएं जनजातीय युवाओं को जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी कहानियों, जनजातीय भाषा, संस्कृति, वेशभूषा और उन्हें संरक्षित और बढ़ावा देने के बारे में जागरूक करने में मदद करेंगी.
स्कूल एवं जन शिक्षा तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री सुदाम मरांडी ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आदिवासी सभी क्षेत्रों में राज्य एवं देश का नाम रोशन कर रहे हैं. जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एससीएसटीआरटीआई) में आयोजित दो दिवसीय आदिवासी कवि सम्मेलन का समापन समारोह आयोजित किया गया है.
मरांडी ने युवाओं से ऐसे मंचों पर अधिक से अधिक भाग लेने का आग्रह किया जो आदिवासी पहचान का जश्न मनाते हैं. आदिवासियों का एक लंबा इतिहास है और पारिस्थितिकी, जंगल के साथ उनका जुड़ाव पवित्र है और आदिवासी संस्कृति का मूल है.
कार्यक्रम में कुल 23 आदिवासी कवियों ने कविता पाठ किया. इसमें हो समुदाय से 5 लोग, मुंडरी समुदाय से 5 लोग, संताली समुदाय से 6 लोग, खड़िया समुदाय से 2 लोग, किसान समुदाय से 2 लोग, भूमिजा समुदाय से 1 व्यक्ति, ओरांओ समुदाय से 1 व्यक्ति, मुंडा समुदाय से 1 व्यक्ति शामिल हैं. इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुदाम मरांडी को संताली शब्दकोष भेंट किया गया तथा आदिवासी कलाकार द्वारा बनायी गयी आदिवासी पेंटिंग देकर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में आयुक्त सह सचिव रूपा रोशन साहू शामिल हुईं और विभाग के कामकाज की जानकारी दी. उन्होंने कहा, आदिवासी समुदाय के अधिक लोग मुख्यधारा में शामिल हुए हैं. अब आदिवासी जीवनशैली में आए बदलावों को दर्शाती 3 फोटो बुक तैयार की जाएंगी. उन्होंने कहा कि जनजातीय संस्कृति की प्रगति ही विभाग का मुख्य उद्देश्य है.
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व प्रोफेसर डॉ.प्रमोद कुमार परिडा शामिल हुए और साहित्य एवं कविता के बारे में बताया. उन्होंने कहा, “कविता वास्तविकता का वर्णन करती है.” विभाग के वित्तीय सलाहकार और विशेष सचिव बिजय बसंत खलको ने भाग लिया और आदिवासी भाषाओं के संरक्षण पर जोर दिया. समापन कार्यक्रम में निदेशक SCSTRTI इंद्रमणि त्रिपाठी ने स्वागत भाषण दिया.
विशेष पदाधिकारी समरेंद्र भूतिया ने संचालन किया तथा सहायक निदेशक मधुस्मिता साहू ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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