अम्बिकापुर– अम्बिकापुर के नर्सिंग कॉलेज में पढ़ रही 110 छात्राओँ को सरकारी हॉस्टल में हो रही परेशानी को देखते हुए प्रिंसेस कॉटेज नामक निजी हॉस्टल की संचालक दिव्या सिंह सिसोदिया ने डॉयरेक्टर मेडिकल एजुकेशन को एक पत्र भेजा है. पत्र में उन्होंने सरकारी हॉस्टल में रह रही छात्राओं की समस्याओँ का जिक्र करते हुए प्रस्ताव दिया है कि जब तक सरकारी हॉस्टल में मूलभूत सुुविधाओं की व्यवस्था नहीं हो जाती,तब तक उनके द्वारा संचालित निजी छात्रावास में नर्सिंग की छात्राओं को शिफ्ट कर दिया जाये और इसके लिये वह सरकार से किसी तरह का किराया या शुल्क नहीं लेंगी.
डीएमई को भेजे गये पत्र में लिखा गया है कि 50 सीटर लाइवलीहुड कॉलेज छात्रावास में 110 छात्राओं को रखा गया है,जो कि अमानवीय है.यहां पर कुल 3 शौचालय और 3 स्नानगृह हैं,जो कि 110 छात्राओं के लिये बहुत ही कम है.छात्रावास में मौजूद ट्यूबवेल सूख चुका है,जिससे पानी के लिये हाहाकार मच रहा है.यहां पर अनियमित रुप से पानी टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है और छात्राएं बाल्टी में पानी भरकर तीसरे मंजिल तक चढ़ती हैं,जो कि उनके साथ हो रहे अत्याचार को बयान करती है.
पत्र में लिखा गया है कि सरकारी हॉस्टल में इतनी अव्यवस्था होने के बावजूद केवल राजनीतिक दुर्भावना के कारण नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं को आनन फानन में सरकारी छात्रावास में शिफ्ट कर दिया गया,जबकि इससे पहले वे सर्वसुविधायुक्त प्रिंसेस कॉटेज में रहकर अध्ययन कर रहीं थी.चूंकि प्रिंसेस कॉटेज के संचालक भाजपा से संबंधित हैं,इसलिये राजनीतिक दुर्भावना के तहत नियम विरुद्ध तरीके से प्रिंसेस कॉटेज के साथ अनुबंध को समाप्त कर छात्राओं को अव्यवस्था के जंजाल में ढ़केल दिया गया है.
पत्र में इन तमाम अव्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए प्रिंसेस कॉटेज की संचालक ने कॉलेज प्रबंधन को प्रस्ताव भेजा है कि जब तक सरकारी हॉस्टल में व्यवस्थाएं सुधर नहीं जाती,तब तक वे सभी छात्राओँ को प्रिंसेस कॉटेज में निशुल्क रखेंगी.संचालक ने डीएमई और सरगुजा कलेक्टर से मानवीय आधार पर अपने प्रस्ताव पर विचार कर फैसला लेने का अनुरोध किया है.