रायपुर. छग कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर अधिकारियों-कर्मचारियों ने आज संचालनालय से मंत्रालय तक रैली निकाली. वेतन विसंगति सहित अन्य मुद्दों के लिए गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट तत्काल सरकार को सौंपने, केंद्र के समान लंबित 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने समेत अन्य मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवं प्रदेश प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि शासन स्तर पर लंबित मांगों को लेकर आंदोलन की सूचना 27 फरवरी को मंत्रालय में मुख्यमंत्री सचिवालय एवं मुख्य सचिव को सौंपा गया है. फेडरेशन के निर्णय अनुसार प्रथम चरण में 3 मार्च को राज्य के सभी 146 ब्लॉक . तहसील एवं जिला मुख्यालय में शाम 3 बजे धरना प्रदर्शन एवं रैली आयोजित कर कलेक्टर, एसडीएम को सीएम और सीएस के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

18 मार्च को प्रांत स्तरीय प्रदर्शन

इंद्रावती भवन में कार्यरत कर्मचारी-अधिकारी इंद्रावती गेट क्रमांक 3 से मंत्रालय तक ध्यानाकर्षण रैली निकालकर प्रदर्शन किया. द्वितीय चरण में 18 मार्च को राजधानी रायपुर में प्रांत स्तरीय एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित है. सतेंद्र देवांगन ने बताया, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के 104 संगठनों की बैठक में लंबित मांगों को लेकर मार्च में चरणबद्ध आंदोलन करने का ऐलान किया गया था. फेडरेशन इस आंदोलन को “आश्वासन नहीं समाधान आंदोलन” का नारा दिया है.

ये प्रमुख हैं मांगें

  • 14 सूत्रीय मांगों पर वेतन विसंगति सहित अन्य मुद्दों के लिए गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट तत्काल सरकार को सौंपी जाए.
  • कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान लंबित 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए.
  • कांग्रेस घोषणा पत्र अनुसार राज्य कर्मचारियों को चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान दिया जाए.
  • पुराना बस स्टैंड पंडरी, रायपुर को धरना स्थल घोषित किया जाए.