नई दिल्ली। दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय (DSE यूनिवर्सिटी) में सोमवार से सभी 15 कैंपस में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो गई हैं। इस नए विश्वविद्यालय ने दिसंबर 2021 में ही छात्रों के पहले शैक्षिक वर्ष की शुरुआत की है। यहां 15 फुल टाइम डिप्लोमा, 4 पार्ट टाइम डिप्लोमा, 12 लेटरल एंट्री डिप्लोमा, 11 फ्लैगशिप डिग्री प्रोग्राम, कंप्यूटर इंजीनियरिंग एवं पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में 5 हजार से अधिक छात्रों को प्रवेश दिया गया है। वीसी प्रो नेहारिका वोहरा ने कहा कि आज के दिन का हम सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। दिसंबर में जब हमने डीएसईयू के पहले शैक्षणिक वर्ष के लिए ओरिएंटेशन आयोजित की थी, तभी से हम कैंपस में छात्रों को देखना चाहते थे।
4500 अस्थायी शिक्षकों के लिए DU के शिक्षकों ने लगाई राष्ट्रपति से ऑनलाइन गुहार, परमानेंट नियुक्ति की मांग की
प्रो नेहारिका वोहरा ने कहा कि कौशल विश्वविद्यालय होने के कारण हमने अपने कार्यक्रमों को अधिक व्यावहारिक एवं अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया है। पूरी डीएसईयू की टीम ने महीनों तक सभी कार्यक्रमों को कुशलता पूर्वक रूप से चलाने की दिशा में काम किया है। इस बीच, हमने अपने सभी परिसरों में डिप्लोमा एवं डिग्री कार्यक्रमों के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करने पर काम किया है। कैंपस में हमारे छात्रों को देखकर बहुत अच्छा लगा। डीएसईयू के रजिस्ट्रार अश्वनी कंसल ने कहा कि ऑफलाइन कक्षाओं के लिए कैंपस में छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारे लिए प्राथमिकता है। सभी परिसरों को नियमित रूप से साफ किया जाएगा और छात्रों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
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दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय राज्य का पहला कौशल-आधारित विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय युवाओं के लिए कौशल-आधारित कोर्स करने का अवसर प्रदान करता है। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय में 4500 अस्थाई शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति का विषय राष्ट्रपति के समक्ष पहुंच गया है। विश्वविद्यालय के लगभग 10 हजार शिक्षकों ने इस संबंध में राष्ट्रपति के समक्ष अपनी बात रखी है। डूटा के नेतृत्व में 10 हजार से अधिक शिक्षकों ने ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर कर भारत के राष्ट्रपति को भेजी। दिल्ली विश्वविद्यालय के लगभग 4500 तदर्थ और अस्थायी सहायक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति को लेकर राष्ट्रपति से यह गुहार लगाई गई है।
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इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी के नेतृत्व में इन शिक्षकों ने ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति से गुहार लगाई है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति दिल्ली विश्वविद्यालय के विजीटर भी हैं। डूटा ने इस विषय में अब सीधे तौर पर राष्ट्रपति से ही हस्तक्षेप कर हजारों शिक्षकों और उनसे संबंध परिवारों के लिए राहत की मांग की है।
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