रायपुर।  अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमतों में बीते हफ्ते करीब 2.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई. लेकिन तेल कंपनियों ने इसका पूरा फायदा अपने उपभोक्ताओं को नहीं दिया. तेल कंपनियों ने डीजल में एक फीसदी और पेट्रोल में 1.59 फीसदी की ही कमी की.यानी सीधे-सीधे एक फीसदी से ज्यादा की डंडी मार ली गई. गौरतलब है कि देश में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में डायनामिक प्राइस की व्यस्था लागू है जिसके मुताबिक हर रोज़ तेल की कीमतें तय होती हैं.

अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस ने इस हवाले की रिपोर्ट छापी है कि कैसे तेल कंपनियां डायनामिक प्राइसिंग और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार की कीमतों के आधार पर देश में तेल की कीमतें तय करने का दावा करने के बाद भी जनता को इसका फायदा नहीं दे रही हैं. रिपोर्ट में दिल्ली में पिछले एक हफ्ते की कीमतों को आधार बनाकर तेल के नाम पर हो रही लूट को दिखाया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक तेल में सरकार भी टैक्स के नाम पर भारी वसूली कर रही है. रिपोर्ट के अनुसार तेल की कीमतों पर केंद्र सरकार करीब 80.40 फीसदी का टैक्स वसूल रही है जबकि राज्य सरकार 25 से 30 फीसदी टैक्स लेती है.

रिपोर्ट के अनुसार 24 रुपये 89 पैसे लीटर के हिसाब से रिफायनरी से तेल की खरीदी होती है. इसके बाद पेट्रोल पंप पर पहुंचाकर इसकी कीमत 26.71 लीटर बैठती है. केंद्र सरकार इस पर 21.48 रुपये की एक्साइज़ ड्यूटी लेती है. 2.55 रुपये डीलर का कमीशन इसमें और जुड़ जाता है.  दिल्ली में राज्य सरकार 13.70रुपये का वैट लेती है. इस तरह रिफाइनरी में जो तेल 26.71 रुपये का होता है वो आपको 64.42 पैसे लीटर का पड़ता है.