राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राउज़ कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जुलाई 2024 में हुए हादसे में तीन छात्रों की मौत के मामले में अब फायर विभाग के दो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना(V. K Saxena) ने फायर विभाग के अधिकारी वेदपाल और उदयवीर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मंजूरी दे दी है।
जांच में यह सामने आया कि अधिकारियों वेदपाल और उदयवीर सिंह ने न सिर्फ निरीक्षण के दौरान लापरवाही बरती, बल्कि बाद में तथ्य भी छिपाए। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों अधिकारियों ने 1 जुलाई 2024 को बेसमेंट का निरीक्षण किया था और गलत आकलन देते हुए इसे लाइब्रेरी के रूप में उपयोग की अनुमति दे दी। इसी आधार पर 9 जुलाई को फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी हुआ। बाद में 27 जुलाई 2024 को भारी बारिश के दौरान बेसमेंट में पानी भर गया, जिससे तीन छात्रों की मौत हो गई।
हादसे के बाद से निलंबित थे दोनों अधिकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंडल अधिकारी वेदपाल और सहायक मंडल अधिकारी उदयवीर सिंह के खिलाफ अब औपचारिक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, हादसे के बाद दोनों अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका था। जांच में यह पाया गया कि दोनों ने 1 जुलाई 2024 को बेसमेंट का निरीक्षण करते समय गलत रिपोर्ट पेश की और अवैध रूप से उसे लाइब्रेरी के रूप में उपयोग की अनुमति दी। इसी रिपोर्ट के आधार पर 9 जुलाई 2024 को फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी किया गया था।
तथ्यों को भी छिपाया
अब उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ सीसीएस (CCA) नियम 1965 के नियम 14 और 18 के तहत विभागीय कार्रवाई की मंजूरी दी है। साथ ही उन्होंने विजिलेंस विभाग को जांच निर्धारित समयसीमा में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। एलजी ने स्पष्ट कहा है कि प्रशासनिक जवाबदेही तय की जाएगी और इस मामले में किसी तरह का समझौता नहीं होगा। उनके अनुसार, जांच में जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं, उन्हें रिपोर्ट में दर्ज किया जा रहा है, और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
सिफारिश पर जारी हुआ था फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट
जांच में यह भी सामने आया कि दोनों फायर अधिकारियों ने 1 जुलाई 2024 को निरीक्षण के दौरान यह तथ्य छिपाया था कि बेसमेंट को छात्रों की लाइब्रेरी के रूप में उपयोग किया जा रहा था। फायर मानकों के अनुरूप न होने के बावजूद उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इसे सुरक्षित बताया और लाइब्रेरी चलाने पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की। अधिकारियों की इसी सिफारिश के आधार पर 9 जुलाई 2024 को इमारत को फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया।
इसके बाद कोचिंग सेंटर में गतिविधियां बिना रोक-टोक जारी रहीं। 27 जुलाई 2024 को भारी बारिश के दौरान बेसमेंट में पानी भर गया और दम घुटने से तीन छात्रों की मौत हो गई। जांच रिपोर्ट में माना गया कि अगर निरीक्षण के समय सही तथ्य दर्ज किए गए होते, तो लाइब्रेरी संचालन को रोका जा सकता था और यह हादसा टल सकता था।
विभागों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं- वी.के. सक्सेना
हादसे के बाद जिला मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। इसके आधार पर इन्हें निलंबित किया गया। अब उपराज्यपाल ने सतर्कता निदेशालय को निर्देश दिया है कि निर्धारित समयसीमा के भीतर दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पूरी की जाए। एलजी वी.के. सक्सेना ने कहा कि जनता की सुरक्षा से जुड़े विभागों में लापरवाही या भ्रष्टाचार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह घटना एक गंभीर सबक है कि फायर सेफ्टी जैसे संवेदनशील मामलों में छोटी-सी चूक भी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है।
पानी में दम घुटने से हुई थी छात्रों की मौत
बता दें कि 27 जुलाई 2024 को दिल्ली में भारी बारिश के बाद ओल्ड राजेन्द्र नगर स्थित राउज कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर गया था। इस दौरान बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी में उत्तर प्रदेश की 25 वर्षीय श्रेया यादव, तेलंगाना की 25 वर्षीय तन्या सोनी और केरल के 24 वर्षीय नेविन डेल्विन की दम घुटने से मौत हो गई थी। इस घटना ने राजधानी में कोचिंग सेंटरों और लाइब्रेरी के सुरक्षा मानकों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए थे। हादसे के बाद छात्रों और मृतकों के परिजनों ने कई दिनों तक प्रदर्शन किया और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
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