प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। कर्मचारियों को राहत देने और उनकी कार्य क्षमता में बढ़ोतरी के लिहाज से छत्तीसगढ़ शासन ने कार्य दिवस सप्ताह में 5 दिन कर शनिवार और रविवार को शासकीय अवकाश घोषित किया है. इसके साथ कार्यलीन समय को सुबह 10 से शाम 5.30 बजे कर दिया है, लेकिन इस राहत के बाद भी अधिकांश कर्मचारी समय पर काम पर नहीं पहुंच रहे हैं. लेकिन जब बात निजी स्वार्थ की हो तो छुट्टी के दिन भी सरकारी कार्यालय का ताला खुल जाता है.

ऐसा ही नजारा आज शनिवार को कवर्धा के विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मिला. कार्यालय में मौजूद कर्मचारी अपना काम बड़ी बखूबी से निपटा भी रहे थे. शिक्षकों की भीड़ भी जुटी हुई थी. इस बात की जानकारी होने पर जब पत्रकार कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि शिक्षकों की प्रधान पाठक के तौर पर पदोन्नति हुई है, जिसका आदेश शनिवार के दिन भी कार्यालय खोलकर पदोन्नत शिक्षकों को दिया जा रहा था. पता चला कि प्रत्येक आदेश के पीछे शिक्षकों से चढ़ावा भी लिया जा रहा है. हालांकि, मीडिया के सामने किसी ने यह बात नहीं स्वीकारी.

जानकारी लेने पर पता चला कि शिक्षकों को आदेश की कॉपी भी बेक डेट में दी जा रही है. पदोन्नत शिक्षकों को अपने स्थान में ज्वाइनिंग की तिथि 23 फरवरी तक बताई जा रही है, तो कार्यालयीन अवधि में सोमवार-मंगल को भी यह आदेश दिया जा सकता था, लेकिन शनिवार को अवकाश के दिन गुपचुप तरीके से शिक्षकों को पदोन्नति आदेश दिया जाना संदेह के घेरे में तो आता ही है. हालांकि, पत्रकारों के पहुंचते ही आनन-फानन में कर्मचारियों ने सभी को सोमवार को आने को बात कहकर कार्यालय बंद कर ताला लगा दिया.

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सवाल उठता है कि कार्यालय अवधि में समय पर नहीं पहुंचने पर कर्मचारियों पर कार्रवाई हो रही है. ऐसी स्थिति में अवकाश के दिन पर कार्यालय खोलकर आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई होनी चाहिए कि नहीं. हालांकि, इस मामले में उच्च अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन किसी से बात नहीं हो पाई.

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