जोहान्सबर्ग। पूरे विश्व में ओमिक्रॉन के मामलों में इजाफा हो रहा है और ये संक्रमण डेल्टा वेरिएंट के साथ देखने को मिल रहे हैं लेकिन यह पाया गया है कि ओमिक्रॉन संक्रमण डेल्टा के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करता है।
दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और जर्मनी के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट वैक्सीन लगे लोगों में विकसित एंटीबॉडीज को चकमा दे सकता है लेकिन यह डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करता है।
इस शोध में दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रोन लहर में संक्रमित उन लोगों को शामिल किया गया था जिन्हें पहले कोरोना वैक्सीन लगी थी और बिना वैक्सीन लगाए लगे लोग भी इसमें शामिल किए गए थे।
इस अध्ययन में संक्रमण के 14 दिनों बाद ऐसे लोगों में ओमिक्रॉन और डेल्टा से लड़ने वाली एंटीबॉडीज की क्षमता को मापा गया था। इसमें पाया गया कि ऐसे लोगों में ओमिक्रॉन से लड़ने वाली एंटीबॉडीज में 14 गुना बढ़ोत्तरी देखी गई। यह भी पाया गया कि जिन लोगों में ओमिक्रॉन संक्रमण हुआ था उनमें डेल्टा से लड़ने की क्षमता में इजाफा हुआ था और डेल्टा वेरिएंट की उन्हें संक्रमित करने की क्षमता पहले जितनी नहीं थी।
इस शोध में कहा गया है कि इस बार डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन वेरिएंट कम घातक पाया गया है और इसका सकारात्मक प्रभाव यह है कि कोरोना का लोगों पर कम असर देखने को मिलेगा यानि उनमें ओमिक्रोन अधिक घातक रूप में सामने नहीं आ रहा है। विश्व के अनेक देशों में ओमिक्रॉन के मामलों में इजाफा हो रहा है लेकिन कईं देशों में अभी भी डेल्टा वेरिएंट के संक्रमण अधिक देखने को मिल रहे हैं।