हेमंत शर्मा, इंदौर। दशहरे के पावन पर्व पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज इंदौर पहुंचे, जहां उन्होंने परंपरागत रूप से शस्त्र पूजन किया और प्रदेशवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देश की सैन्य परंपरा, संस्कृति और सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों को लेकर भी कहा। दशहरे के अवसर पर इंदौर पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भव्य रूप से शस्त्र पूजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दशहरा केवल रावण दहन तक सीमित नहीं है, बल्कि शस्त्र पूजन भी हमारी गौरवशाली परंपरा का अहम हिस्सा है।

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दशहरे पर रावण जलाने का एक अलग महत्व है, लेकिन शस्त्र पूजन का भी अपना धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। हमने इसकी शुरुआत इंदौर से की थी और अब पूरे प्रदेश में शस्त्र पूजन किया जा रहा है। यह परंपरा हमारे इतिहास, हमारे आत्मगौरव और हमारी सुरक्षा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “शस्त्र सैनिक का दूसरा शरीर होते हैं, और उसके बिना वह अधूरा है।” उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप और मां अहिल्या बाई होल्कर जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्वों को याद करते हुए कहा कि हमारे देश का हजारों वर्षों का इतिहास संघर्षों और बलिदानों से भरा है।मुख्यमंत्री ने पड़ोसी देशों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब-जब संकट आया है, भारत ने डटकर मुकाबला किया है और आगे भी हमारी सेनाएं हर चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पुलिस बल को मजबूत करने के लिए 20,000 से अधिक पदों पर भर्ती की जाएगी। पहले चरण में 7,500 पदों पर नियुक्ति की जाएगी। हमारी सरकार सभी स्तरों पर ठोस नीतियों के तहत काम कर रही है। हर जिले में पुलिस बैंड की व्यवस्था की जा रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पुलिस जवानों को बधाई देते हुए कहा कि शस्त्र पूजन केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि हमारे सुरक्षा बलों के प्रति सम्मान प्रकट करने का प्रतीक है।

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