सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राजधानी में शराब, अश्लीलता, महिला प्रताड़ना और महँगाई के खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया. छत्तीसगढ़ी महिला समाज के बैनर तले बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर डटी महिलाएं मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए निकलेंगी.

छत्तीसगढ़ी महिला समाज के अध्यक्ष मालती परगनिहा ने बताया कि आज हम छह सूत्रीय माँगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें महिला सशक्तिकरण के लिए कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं विधायिका में महिलाओं को पुरुषों के बराबर हिस्सेदारी दी जाए. बढ़ती महँगाई पर रोक लगाया जाए. छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराब बंदी लागू किया जाए, वहीं जैसे शराब को घर-घर पहुंचाया जा रहा है, वैसे अब दूध को पहुँचाया जाए.

इसके अलावा अश्लील साहित्य, फ़िल्में, सीरियल पोस्टर, विज्ञापन और पॉर्न साइट पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए. निजीकरण को रोका जाए और मुख्य उत्पाद व खनिज जैसे सीमेंट, लोहा, कोयला आदि से संबंधित निजी उद्योगों को सरकारी हाथों में लिया जाए. वहीं जाति मुक्त समाज के लिए अलग विभाग बनाया जाए. उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्रियों के बंगलों तक रैली निकाल कर ज्ञापन सौंपा जाएगा. यदि हमारी माँगें पूरी नहीं हुईं तो गाँव-गाँव में मोर्चा खोला जाएगा.

समाज की सुप्रिया गोस्वामी ने सवाल उठाते हुए कहा कि आठ मार्च को महिला सशक्तिकरण दिवस के रूप में हर साल शासन-प्रशासन व अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मान किया जाता है, लेकिन क्या एक ही दिन में महिलाओं की स्थिति सुधर जाएगी. कार्यक्रम के दूसरे दिन ही तमाम तरह की महिला प्रताड़ना के मामले सामने आने लगते हैं, इसके लिए ठोस क़दम उठाने की ज़रूरत है.

उन्होंने कहा कि देश में आधी आबादी महिलाओं की है. महिलाओं के हित के लिए नियम-क़ानून भी बने हैं, लेकिन इसका पालन क्रियान्वयन में खामियों की वजह से उसका भी फ़ायदा महिलाओं को नहीं मिल रहा था, इसलिए आज छह सूत्रीय माँगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.