रायपुर- धान खरीदी के मसले पर राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र द्वारा खारिज किए जाने के बाद आज भूपेश सरकार ने सभी सांसदों की बैठक बुलाई थी, लेकिन इस बैठक में बीजेपी सांसद मौजूद नहीं हुए. बीजेपी की ओर से बड़े नेताओं के आए बयानों में यह बार-बार कहा जाता रहा कि उन्हें इस बैठक की सूचना नहीं दी गई थी, जबकि ठीक इस बीच बीजेपी के कई सांसदों ने सरकार को चिट्ठी लिखकर बैठक में शामिल नहीं होने की सूचना भेजी. इस बैठक में केवल तीन सांसदों की मौजूदगी रही, जिसमें बस्तर सांसद दीपक बैज, कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत और राज्यसभा सांसद छाया वर्मा थी.

बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी सांसदों पर हमलावर होते हुए दो टूक कहा कि बीजेपी का किसान विरोधी चेहरा नजर आ रहा है. उन्होंने बीजेपी से दो महत्वपूर्ण सवालों के जवाब मांगें हैं. भूपेश बघेल ने पूछा है कि बीजेपी इस मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट कर दे कि क्या वह राज्य के किसानों से 2500 रूपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किए जाने की पक्षधर है या नहीं? दूसरा यह कि जब बीते साल केंद्र सरकार ने नियमों को शिथिल किया था, तो आखिर अब क्यों नहीं किया जा रहा? भूपेश बघेल ने कहा कि हम इन मुद्दों पर बीजेपी सांसदों का समर्थन चाहते थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2014 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने यह नीति बनाई कि जो सरकारें बोनस देगी, उन राज्यों से चावल का उपार्जन नहीं किया जाएगा, लेकिन 2017-18 में केंद्र ने छत्तीसगढ़ के लिए नियमों को शिथिल करते हुए 25 लाख मीट्रिक टन चावल सेंट्रल पूल में खरीदने का फैसला लिया था. जब पिछले साल यह खरीदी की गई, तो इस साल भी नियमों को शिथिल किया जाए. यही मांग हमने केंद्र सरकार से की थी. हमने आग्रह किया था कि चूंकि इस साल उपार्जन ज्यादा है, लिहाजा राज्य से 32 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदा जाए. भूपेश बघेल ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री, खाद्यमंत्री को चिट्ठी लिखी थी, जिसके जवाब में केंद्र की तरफ से जो रिफ्यूज आया है, उसमें यह कहा गया है कि 2500 रूपए में धान खरीदी करने से बाजार अस्त-व्यस्त हो जाएगा. जबकि हकीकत यह है कि इससे बाजार बढ़ा है. उन्होंने कहा कि मैं व्यापारियों से भी अनुरोध करता हूं कि वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखे कि छत्तीसगढ़ में मंदी का असर नहीं है. किसान मजबूत हुआ है, तो बाजार पर भी इसका सकारात्मक असर हुआ है.

भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी अपने वादे से मुकर रही है. बीजेपी जब सत्ता में थी, तब के मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह खुद अपने मंत्रीमंडल के सदस्यों और सांसदों के साथ जाकर केंद्र सरकार से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किए जाने की मांग की थी. अब जब हम मांग कर रहे हैं कि नियमों में शिथिलता लाई जाए, तो बीजेपी अपना चाल, चरित्र और चेहरा दिखा रही है.

किस आधार पर रमन कह रहे हैं कि सांसद बैठक में नहीं जाएंगे

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी के उन तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें यह कहा गया था कि बीजेपी सांसदों को बैठक की कोई सूचना नहीं है. इसकी जानकारी केवल मीडिया से मिली है. भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह ने यह बयान दिया है. वह किस आधार पर यह बयान दे रहे हैं. वह न तो विधायक दल के नेता हैं और न ही संसदीय दल के सचेतक. रमन सिंह सांसदों को बैठक में आने से रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के सभी सांसदों को सूचना भेजी गई थी. इसकी पावती भी हमारे पास है. बीजेपी झूठ बोल रही है. मीडिया के माध्यम से झूठ फैलाने की कोशिश की जा रही है. यह नहीं करनी चाहिए. भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी हमेशा झूठ का ही सहारा लेती आई है. अब भी झूठ का सहारा ले रही है.