नई दिल्ली। पिछले 2 उपराज्यपालों (lieutenant governors) नजीब जंग और अनिल बैजल से तनातनी और विवाद के बाद अब दिल्ली के नए उपराज्यपाल विजय कुमार सक्सेना (वीके सक्सेना) के साथ भी केजरीवाल सरकार की जुबानी जंग शुरू हो गई है. दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि LG वीके सक्सेना सरकारी कामों में हस्तक्षेप कर रहे हैं. सरकार का कहना है कि LG ने बिना ‘केजरीवाल-सरकार’ को जानकारी दिए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की मीटिंग बुलाई.

आप विधायक आतिशी

आप विधायक आतिशी ने लगाए आरोप

इस बैठक के बाद अधिकारियों को कुछ निर्देश और आदेश भी दिए गए. कालकाजी सीट से आप विधायक आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस बैठक की जानकारी सरकार को नहीं दी गई और न ही दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष और न ही उपाध्यक्ष को इसकी सूचना दी गई. इस बैठक पर सवाल उठाते हुए अतिशी ने कहा कि एलजी अभी नए हैं और शायद उन्हें दिल्ली की संवैधानिक व्यवस्था की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि संबंधित मंत्री इस बैठक से अनजान थे. आम आदमी पार्टी विधायक आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपराज्यपाल विजय कुमार सक्सेना के इस कदम को असंवैधानिक बताया. उन्होंने कहा कि LG अपने अधिकार-क्षेत्र वाले विभागों पर फोकस करें.

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एलजी को मिली है सिर्फ 3 चीजों की जिम्मेदारी

विधायक आतिशी ने कहा कि उपराज्यपाल को शायद ये नहीं पता है कि दिल्ली में एक अलग संवैधानिक व्यवस्था है. इसलिए मैं एलजी साहब को बताना चाहूंगी कि उस संवैधानिक व्यवस्था के तहत एलजी, जो केंद्र सरकार के नुमाइंदे होते हैं, उनको संविधान ने स्पष्ट तौर से 3 जिम्मेदारियां दी हैं. उनकी जिम्मेदारी जमीन, कानून-व्यवस्था और पुलिस है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने भी मुहर लगाई हुई है.

कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर दें ध्यान

आप विधायक आतिशी ने कहा कि मैं उपराज्यपाल से कहना चाहती हूं कि वे तीन कूड़े के पहाड़ों की व्यवस्था सुधारें, गंदगी हटवाएं, जिसमें एमसीडी बिल्कुल नाकाम रही है. आतिशी ने कहा कि उपराज्यपाल साहब लॉ एंड ऑर्डर को सुधारें, क्योंकि राज्य में खुलेआम गोलियां चल रही हैं, वहीं महिलाएं और बच्चे भी असुरक्षित हैं.

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पिछले 2 उपराज्यपालों से भी केजरीवाल सरकार की नहीं पटी

बता दें कि उपराज्यपाल के साथ टकराव का ये कोई पहला मामला नहीं है. पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली में शासित आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच विभिन्न मुद्दों पर हमेशा से ही विवाद और तनातनी रही. इस साल भी कोरोना की चौथी लहर के दौरान ऑड-ईवन नियम पर दिल्ली सरकार और एलजी अनिल बैजल में एकराय नहीं बनी थी. इस दौरान एलजी अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया था. वहीं पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ भी केजरीवाल सरकार के टकराव खुलेआम थे.

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