किशोर सोनी,खैरागढ़. नक्सलियों द्वारा दिये गये एक करोड़ रुपये की राशि से एक व्यक्ति ने सोने-चांदी के जेवरात, गाड़ियां और प्रापर्टी खरीद ली. इस बात का खुलासा उसकी गिरफ्तारी के बाद हो सका है.
दरअसल नोटबंदी के दौरान नक्सलियों का प्रॉपर्टी व गाड़ियां में करोड़ों रुपये खपाये जाने का मामला प्रकाश में आया है. इस मामले का खुलासा नक्सलियों को सामन पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किये गये व्यक्ति ने किया है. पकड़े गये इस आरोपी का नाम अश्वनी वर्मा है, जो कि मारुटोला का रहने वाला है. जिसे पुलिस ने 5 मई को गिरफ्तार किया था. उसके बाद से ही पुलिस अश्वनी को रिमांड पर लेकर लगातार पूछताछ कर रही है.
राजनांदगांव एसपी प्रशांत अग्रवाल का दावा है कि पूछताछ के दौरान अश्वनी ने कई बड़े खुलासे किए है. जिसमें खासकर नोटबंदी के दौरान नक्सलियों को बड़े नुकसान की बात बताई है. पूछताछ के दौरान नक्सलियों के शहरी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के बारे में भी अश्वनी द्वारा जानकारी दी गई है.
पुलिस ने बताया कि नक्सलियों ने नोटबंदी में अश्वनी को 1 करोड़ रुपए के पुराने नोट बदलने के लिए दिए थे. जिससे अश्वनी ने प्रापर्टी, सोने-चांदी के जेवरात और गाड़ियां खरीदी है. रिमांड में हुई पूछताछ के मुताबिक में अश्वनी ने अब तक 1 करोड़ रूपये से 30 लाख रुपए नक्सलियों को वापस कर दिया है. साथ ही उन्हें दैनिक उपयोग की सामग्री भी उसके द्वारा उपलब्ध कराया जाता था.
कार्रवाई के दौरान पुलिस ने अश्वनी के पास से प्रापर्टी और गाड़ियों का कागजात भी जब्त किये है. पुलिस ने दावा किया है कि अश्वनी के पकड़े जाने के बाद सक्रिय नक्सलियों का शहरी नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त हो गया है. पुलिस के मुताबिक अश्वनी ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी दी है.
नक्सल डंप की भी दी जानकारी
पुलिस के मुताबिक अश्वनी वर्मा ने नक्सली कमांडर व सक्रिय सदस्यों द्वारा इलाके में किए गए डंप की जानकारी भी दी है. जहां कार्रवाई के लिए पुलिस योजना बना रही है. अश्वनी वर्मा से पुलिस ने तीन दिनों तक पूछताछ की. इस पूछताछ के बाद और भी कई खुलासे होने का दावा पुलिस द्वारा किया गया है.