One Year B.Ed Course: अगर आप टीचर (शिक्षक) लाइन में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। 10 साल बाद फिर से फिर से एक साल का बीएड कोर्स शुरू हो रहा है। कुछ नई शर्तो के साथ 10 साल बाद फिर से एक वर्षीय बीएड कोर्स शुरू होगा। हाल ही में हुई नेशनल काउंसिल फाॅर टीचर एजुकेशन (NCTE) की बैठक में इस पर फैसला लिया गया। एनसीटीई ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बता दें कि 2014 में एक वर्षीय बीएड कोर्स को बंद कर दिया गया था।
एनसीटीई के चेयरमैन प्रो. पंजक अरोड़ा ने बताया कि गवर्निंग बाॅडी के नए रेगुलेशंस- 2025 को भी मंजूरी दी गई है। यह 2014 की जगह लेगा। एक वर्षीय बीएड कोर्स सिर्फ वही छात्र कर पाएंगे, जिन्होंने चार वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स किया होगा या जिनके पास पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होगी। एक वर्षीय बीएड कोर्स 2014 में बंद कर दिया गया था। 2015 बैच इस कोर्स का लास्ट बैच था।
हालांकि 10 साल बाद शुरू हो रहे एक साल के बीएड कोर्स में कई नई नई शर्तें रहेंगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि फिर से शुरू हो रहे एक वर्षीय बीएड कोर्स से किन छात्रों को फायदा होगा और यह कोर्स कौन कर सकता हैः-
क्या है चार वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स?
पहवे आपको यह बता दें कि एनसीटीई चेयरमैन के अनुसार मौजूदा समय में देश के करीब 64 स्थानों में 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन कोर्स संचालिता किया जा रहा है, जहां से छात्र अपनी पसंद के बिषय में बीएड कर सकते हैं। यह चार वर्षीय ड्यूल डिग्री ग्रेजुएशन लेवल का कोर्स होता है- जैसे कि बीएससी बीएड, बीए बीएड और बीकाॅम बीएड आदि. ये कोर्स करने वाले छात्र एक वर्षीय बीएड कोर्स करने के योग्य होंगे।
कौन कर सकता है एक साल का बीएड?
एक साल का बीएड कोर्स वे छात्र कर पाएंगे, जिन्होंने या तो चार साल की ग्रैजुएशन की होगी या फिर पोस्ट ग्रैजुएशन के बाद वे इस कोर्स के लिए एलिजिबिल होंगे। नैशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की बीते शनिवार को हुई गवर्निंग बॉडी की बैठक में एक साल की बीएड समेत टीचिंग कोर्स को लेकर और भी कई बड़े फैसले लिए गए हैं। NCTE के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा ने बताया कि गवर्निंग बॉडी के नए रेगुलेशंस-2025 लाने की भी मंजूरी दी गई है। ये नए रेगुलेशन, 2014 के रेगुलेशंस की जगह लेंगे।
बंद हो चुका है दो वर्षीय स्पेशल बीएड कोर्स
पहले यह बता दें कि दिव्यांग बच्चों को बढ़ाने के लिए दो वर्षीय स्पेशल बीएड कोर्स को पहले ही बंद कर दिया गया है। इस कोर्स की मान्यता अब खत्म हो गई है। वहीं पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बीएड कोर्स करने वाले कैंडिडेट प्राथमिक शिक्षक बनने के योग्य नहीं है। कोर्ट में अपने फैसले में कहा था कि प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए दो वर्षीय डीएलएड कोर्स करना आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट ने NCTE के 2018 के उस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था, जिसमें बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक के लिए योग्य माना गया था।
4 Year ITEP स्पेशलाइज्ड स्ट्रीम को भी मंजूरी
प्रो. पंकज अरोड़ा के मुताबिक, ‘4 साल का इंटीग्रेटिड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) अभी भारत के 64 शिक्षा संस्थानों में चल रहा है। जहां पर छात्र अपनी पसंद के विषय में बीएड करते हैं। अब आईटीईपी योगा एजुकेशन, ITEP फिजिकल एजुकेशन, ITEP संस्कृत, ITEP परफॉर्मिंग आर्ट एजुकेशन जैसे स्पेशलाइज्ड स्ट्रीम्स जोड़े जाएंगे। आईटीईपी एक चार वर्षीय दोहरी समग्र स्नातक डिग्री (डुअल इंटीग्रेटेड ग्रेजुएशन डिग्री) है, जो अभी बीए-बीएड, बीकॉम- बीएड और बीएससी-बीएड में दी जाती है।
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