अगर आप भी ऑनलाइन पेमेंट करते हैं तो ध्‍यान देने वाली खबर है. ऑनलाइन पेमेंट में होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार दो लोगों के बीच फर्स्‍ट ट्रांजैक्‍शन (First Transaction) को लेकर कुछ नियम लाने की तैयारी कर रही है. इसके तहत दो लोगों के बीच पहली बार होने वाले ट्रांजैक्‍शन के लिए न्‍यूनतम लिमिट तय की जा रही है. नए नियम जारी हो जाते हैं तो दो लोगों के बीच पहली बार होने वाला 2 हजार रुपये से ज्‍यादा का ट्रांजैक्‍शन 4 घंटे लेट हो सकता है.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘हम पहली बार किए जा रहे 2000 रुपये से ज्यादा के डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए 4 घंटे की टाइम लिमिट सेट करने की सोच रहे हैं. इस बारे में सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, कई पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर बैंक व टेक कंपनियों जैसे Google और Razorpay समेत इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स के साथ बुधवार (29 नवंबर 2023) को होने वाली एक बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा.

सभी ऑनलाइन पेमेंट के लिए लागू

लागू होने पर IMPS, RTGS, NEFT और UPI पेमेंट इसके दायरे में आ जाएंगे. अभी की बात करें तो यूजर UPI अकाउंट बनाने के पहले 24 घंटे के अंदर अधिकतम 5 हजार रुपये भेज सकते हैं. इसी तरह NEFT में यह रकम बेनिफिशियरी ऐक्टिवेशन के बाद पहले 24 घंटे के लिए 50 हजार रुपये तक की हो जाती है. नया प्लान लागू होने के बाद यूजर को उन यूजर्स को 2 हजार रुपये से ऊपर का पेमेंट करने के लिए चार घंटे इंतजार करना होगा, जिनके साथ पहले कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया गया है.

ऑनलाइन फ्रॉड के कुल कितने मामले?

आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान बैंकों में डिजिटल भुगतान श्रेणी में सबसे अधिक धोखाधड़ी देखी गई. वित्त वर्ष 2023 में, बैंकिंग प्रणाली में धोखाधड़ी के मामलों की कुल संख्या 13,530 थी, जिसमें कुल 30,252 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी. इसमें से लगभग 49 प्रतिशत मामले डिजिटल पेमेंट से जुड़े हैं.