रमेश बत्रा, तिल्दा-नेवरा- शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार ने बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर पहली से लेकर आठवीं तक परीक्षा आयोजित की गई है. लेकिन रायपुर जिले के तिल्दा से एक ऐसी तस्वीर सामाने आई है जो इस अच्छी पहल को पलीता लगाया जा रहा है.

तिल्दा-नेवरा के आरआर वर्मा शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला क्रमांक-1 में कक्षा सातवीं की छात्र-छात्राएं खुलेआम नकल करते कैमरे में कैद हुआ है. अंग्रेजी विषय की परीक्षा में बच्चे बेझिझक नकल करते दिखाई दे रहे हैं. स्कूल प्रशासन भी इसे नजर अंदाज कर रही है.

आश्चर्य की बात है कि कक्षा में शिक्षक भी मौजूद थे. लेकिन उसने छात्र-छात्राओं को रोकने की कोशिश नहीं की. वे खुद मोबाइल में व्यस्त थे. कुछ परीक्षार्थियों ने आपस में प्रश्न पत्र अदला-बदली भी कर लिया, तो कुछ एक-दूसरे के पास पहुंचकर उत्तर पूछते रहे.

जानकारी के मुताबिक ये सब परीक्षा में पहले दिन से ही नकल चल रही है. स्कूल प्रशासन के केंद्र प्रभारी से पूछताछ करने पर उसने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. जहां बच्चे बेरोक टोक नकल करते पाया गया. वहीं परीक्षा हाल में उपस्थित शिक्षक ने भी उन्हें रोक टोक नहीं किया. और स्वयं अपने मोबाइल में व्यस्त दिखे.

राज्य स्तरीय आकलन की ये विशेषताएं बताई थी

स्कूल शिक्षा विभाग ने बताया था कि कक्षा पहली से 8वीं तक सभी शासकीय शालाओं के विद्यार्थियों के आकलन के लिए सामान समय-सारिणी प्रश्नों का लर्निंग आउटकम्स के साथ मैपिंग की गई है. इसके लिए आकलन एवं मूल्यांकन केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया जाएगा. आकलन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए दस प्रतिशत उत्तर पुस्तिकाओं की रैण्डम रि-चेकिंग भी की जाएगी. प्रत्येक कक्ष में अधिकतम 30 विद्यार्थियों पर एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जाएगी. परीक्षा के दौरान गठित टास्क फोर्स पूरी परीक्षा के निगरानी भी करेगा. प्रश्न पत्रों के मॉडल उत्तर एससीईआरटी की वेबसाईट पर अपलोड किया जाएगा. एक स्कूल की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन दूसरे संकुल में किया जाएगा.

रायपुर जिले के कस्बाई इलाका तिल्दा से ऐसी तस्वीर निकल आ रही तो सोच सकते हैं कि गांवों का क्या हाल होगा. ये हर कोई अंदाजा लगा सकते हैं. तो क्या सरकार के आकलन के दावे सिर्फ खोखला साबित हुए हैं.