रायपुर। राजधानी रायपुर में काली माता का 600 साल से भी पुराना मंदिर है और इस मंदिर की खासियत ये है की ये सिर्फ दशहरे के दिन ही खुलता है और इस वजह से भक्तगण यहाँ दूर दूर से माता के दर्शन के लिए पहुँचते हैं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर की स्थापना कृपालगिरी महाराज ने की थी. उनको माता काली ने सपने में दर्शन देकर मूर्ति स्थापना करने को कहा था, जिसके बाद कृपालगिरी महाराज ने नागपुर से माता की मूर्ति को लाकर यहां स्थापित किया था. बाद में यह कंकाली मठ के नाम से जानी जाने लगी. ये मठ श्रृंगेरी मठ से संबंधित है और साथ ही उस समय लाई गई प्रतिमा कंकाली तालाब में स्थित है. अब जाके कृपालगिरी महाराज के वंशज इस मंदिर की देखभाल कर रहे हैं.
भक्तों का मानना है कि यहाँ उनकी हर मनोकामना पूरी होती है और यही वजह है की दूर दूर से भक्त यहाँ दर्शन को आते हैं. सुबह 6 बजे से माता की पूजा अर्चना शुरू हो जाती है, जो की रात 12 बजे तक चलती है.