रायपुर.  बिलासपुर पुलिस को ऑपरेशन साइबर 2020 में लगातार सफलता हासिल हो रही है. इसी कड़ी में ओएलएक्स के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले 2 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने राजस्थान के भरतपुर पुलिस के साथ संयुक्त रूप से समय-समय पर वेशभूषा बदलकर दिन और रात अलग अलग समय में रेकी कर की. आरोपी की पहचान सुनिश्चित करने में सफल हुई एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर भरतपुर राजस्थान पुलिस की टीम के साथ संयुक्त रूप से रेड कार्रवाई की. इसमें रुख़मीन पिता रहमान खान को गिरफ्तार किया गया.

पूरे मामले का खुलासा करते हुए बिलासपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि थाना सिटी कोतवाली के मामले में प्रार्थिया के द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि उसने OLX  में बिक्री हेतु अपने पलंग की जानकारी  अपलोड की थी.

उसे एक मोबाइल नंबर से कॉल कर अज्ञात आरोपी ने प्रार्थिया से भुगतान के संबंध में गूगल पे नंबर की मांग की. प्रार्थिया के पास गूगल पे नंबर नहीं होने पर उसने अपने रिश्तेदार का गूगल पे नंबर दिया. आरोपी द्वारा भुगतान करने का झांसा देकर प्रार्थिया एवम उसके रिश्तेदार से गूगल पे नंबर पर सारी डिटेल आहरण संबंधी डलवा कर उसे झांसे में लेकर तकरीबन 55000 रुपए उसके खाते से निकाल लिए. इस मामले में पुलिस ने जाकर पिता मुंशी उम्र 40 वर्ष, रुख़मीन पिता रहमान उम्र 28 वर्ष को गिरफ्तार किया है वहीँ एक अन्य  आरोपी फरार है. गिरफ्तार आरोपी के पास से पुलिस ने मोबाइल फोन, बैंक खाता और नगदी रकम जब्त किया है.

ये है अन्य मामले

वरिष्ठ नागरिक प्रार्थी के द्वारा भी ओएलएक्स पर एक एक्टिवा गाड़ी का विज्ञापन देखकर गाड़ी बेचने वाले के मोबाइल नंबर 82090 38681 में संपर्क किए. वाहन बेचने वाले ने अपने आप को माना कैंप में फौज में होना बताया एवं माना में ही पदस्थापना बताकर प्रार्थी से लेन देन का मैसेज आदान प्रदान किया. इसी दौरान सौदा तय होने पर प्रार्थी ने आरोपी की बताएं मोबाइल नंबर पर ₹25000 की राशि प्रथम बार व ट्रांसपोर्ट एवं अन्य एलाउंसेस के नाम पर कुल 45990/रुपए पेटीएम में ट्रांसफर कर दिया.

प्रार्थी ने पेटीएम हेतु नंबर 6393480452 जो कि सुधीर बेरिया के नाम पर था पर ट्रांसफर किया. इस तरीके से ओएलएक्स में विज्ञापन देने वाले अज्ञात आरोपी द्वारा अलग-अलग समय पर प्रार्थी को झांसा देकर एक्टिवा का विज्ञापन डाल कर अपने आप को आर्मी का जवान बताकर प्रार्थी से 45950 / रुपए की राशि झांसा देकर आहरित कर ली. जिस पर थाना सरकंडा में 420 आईपीसी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था.

इन मामलों पर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के द्वारा पुलिस अधीक्षक शहर उमेश कश्यप एवं अति. पुलिस अधीक्षक ग्रामीण संजय ध्रुव को निर्देशित कर एक विशेष टीम गठित की. इसमें नोडल अधिकारी साइबर सेल निमेश बरैया एवं नगर पुलिस अधीक्षक सरकण्डा निमिषा पाण्डेय भी शामिल है. इसके अलावा एक विशेष संयुक्त टीम का गठन साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक कलीम खान एवं थाना प्रभारी सरकण्डा निरीक्षक जयप्रकाश गुप्ता को भी शामिल किया गया.

टीम में ये सदस्यों ने निभाई अहम भूमिका

उपनिरीक्षक प्रभाकर तिवारी, उपनिरीक्षक अजय वारे, उपनिरीक्षक जागेश्वर राठिया, प्रधान आरक्षक संतोष लोधी, प्रधान आरक्षक विकास सेंगर प्रधान और आरक्षक धनेश साहू के अलावा प्रधान आरक्षक निर्मल ठाकुर आर. राकेश बंजारे, सोनू पाल, गोवर्धन शर्मा और अविनाश पांडेय शामिल है.