ऑपरेशन गंगा के तहत सैकड़ों बच्चे सकुशल यूक्रेन से वापस अपने वतन लौट रहे है. ऐसे में उन बच्चों के घर में खुशियों का माहौल है. बेटी-बेटे के घर वापसी में कही मिठाइयां बांटी जा रही है, तो एक पिता ऐसे भी है जिन्होंने पीएम और सीएम राहत कोष में दान देने की एक नई पहल शुरू की है.
यूक्रेन के ओडिसा में मौजूद एक बेटी भारतीय समय के अनुसार सुबह 7.30 बजे अपने पिता को फोन किया. बेटी ने बताया घर से चंद मीटर दूर बम गिर रहे है. पांच मिनट बात होने के बाद ही बेटी ने फोन काट दिया. इसके बाद बेटी कई बार फोन कर स्थिति की जानकारी देती रही. लेकिन जरा सोचिए एक पिता ने बेटी की उक्त बातें सुनने के बाद अपना दिन कैसे गुजारा होगा.
ये पूरा वाक्या झारखंड के जमशेदपुर में रहने वाले एक खेमका परिवार में हुआ. जहां बेटी राशिका खेमका चंद वर्षों पहले ही यूक्रेन के ओडिसा में ओडिसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने गई थी. लेकिन ऑपरेशन गंगा के तहत वह सकुशल घर लौट चुकी है. बेटी के घर वापस लौटने के बाद जमशेदपुर शहर के व्यापारी संजय कुमार खेमका ने दोस्तों को मिठाइयां खिलाई और घर में खुशियां मनाई.
वहीं हिमाचल प्रदेश के एक पिता ने 32 हजार रुपए सीएम और पीएम राहत कोश में दान दिए. हिमाचल के हमीरपुर जिले के गांव चुनहाल निवासी अंकिता ठाकुर जब सकुशल घर पहुंची तो परिजनों का खुशी का ठिकाना ना रहा. बेटी के लौटने पर पिता ने भावुक होकर पीएम राहत कोष में 32000 की धनराशि दी. जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के गांव चुनहाल की अंकिता ठाकुर के पिता डॉ. जेबी सिंह आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र झलेड़ी में बतौर चिकित्सक सेवाएं दे रहे और मां गृहणी हैं.
अंकिता यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गई थी लेकिन वहां के बिगड़ते हालत को देखते हुए बीच में पढ़ाई छोड़कर वापस आना पड़ा. जब अंकिता के घर पहुंचने पर परिजनों ने पूजा अर्चना कर आरती की और केक काटकर बेटी का स्वागत किया.
इस दौरान अंकिता के पिता ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 11000 और प्रधानमंत्री राहत कोष में 21000 का चेक भेज कर एक नई पहल की शुरुआत की है.