रायपुर। किसान संकल्प यात्रा से पहले ही किसान नेताओं की गिरफ्तारी का छत्तीसगढ़ किसान महासंघ ने कड़ा विरोध किया है. किसाम महासंघ के सदस्यों ने राजभवन पहुंचकर अपना विरोध जताया है. हालांकि एक बार फिर किसानों की मुलाकात राज्यपाल से नहीं हो पाई. किसान संघ का आरोप है कि वे राज्यपाल से मिलकर सरकार की शिकायत करना चाहते हैं, लेकिन राज्यपाल उनसे मिल ही नहीं रहे हैं.
किसान महासंघ के संयोजक सदस्य डॉ. संकेत ठाकुर का कहना है कि प्रदेश के किसान धान पर रु 300 प्रति क्विंटल बोनस, धान का रु 2100 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य, एक-एक दाना धान की खरीदी, मुफ्त बिजली, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागू करने, कर्ज माफी,शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन की मांगों को लेकर आंदोलनरत है।राज्य सरकार द्वारा सिर्फ एक वर्ष का बोनस देने का आदेश जारी कर किसानो को प्रलोभन देने की कोशिश की गई है । जबकि इस वर्ष भीषण सूखे की वजह से किसानों की स्थिति और भी अधिक ख़राब हो गई है।अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिये किसान संगठनों ने 19 सितम्बर से किसान संकल्प यात्रा का एलान किया था । जिसके तहत विभिन्न क्षेत्रों से किसान पदयात्रा कर 21 सितम्बर को मुख्यमंत्री निवास कूच करने वाले थे ।
राज्य शासन ने दमनात्मक कार्यवाही कर राजनांदगांव, कवर्धा जिलों में धारा 144 लगा दी है। किसानों को गांवों से बाहर निकलने रोका जा रहा है, किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है । कल रात्रि से अब तक मिली जानकारी के अनुसार जिला किसान संघ राजनांदगांव के साथियों सुदेश टीकम, चंदू साहू, रमाकान्त बंजारे, संजीत ठाकुर सहित दर्जनों किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन किसान महासंघ ने चेतावनी दी है कि 21 सितंबर को किसान सीएम हाउस का घेराव जरूर करेंगे, गिरफ्तारी से नहीं डरेंगे.