रायपुर। शराब की अवैध बिक्री का मामला शून्यकाल में सदन में उठा. विपक्ष ने विषय पर स्थगन प्रस्ताव देते हुए काम रोककर चर्चा की मांग की. आसंदी के प्रस्ताव को अग्राह्य करने पर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी करते हुए सदन में हंगामा किया. भाजपा सदस्य गर्भगृह में उतर आए, जिस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया.

भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने शून्यकाल में मामला उठाया. इसके बाद अजय चन्द्राकर ने कहा कि सरकार ने जनघोषणा पत्र में कहा था, लेकिन विभिन्न एजेंसियों की सर्वे रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ शराब पीने के मामले में आगे आ गया है. जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि अराजकता की स्थिति हो गई है. महिलाएं सुरक्षित नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि सरकार ने साफ शब्दों में कहा था कि शराबबंदी करेगी. हाथों में गंगाजल लेकर कसम खाने वाली ये सरकार शराब की अवैध बिक्री पर भी अंकुश नहीं लगा पा रही. हर महीने दो सौ करोड़ रुपये के राजस्व की भी हानि सरकार को हो रही है. अवैध शराब की बिक्री में इजाफा हुआ है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि शराबबंदी के वादे के साथ ही सरकार का गठन हुआ था. शराब पर रोक लगेगी इसलिए महिलालों ने बढ़-चढ़कर इन्हें वोट दिया था. सरकार के संरक्षण में अवैध तस्करी चल रही है. ओडिशा की शराब पीकर सुपेबेड़ा में लोग बीमार पड़ रहे है, ये बात सरकार के मंत्री कह रहे हैं.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से शराब यहां आ रही है. बगैर सरकार के संरक्षण के ये संभव नहीं है. गंगा जल हाथ मे लेकर कांग्रेस ने कसम खाई थी, वादा पूरा नहीं किया इसलिए ही श्राप मिला था और लोकसभा में इनकी पार्टी चुनाव हार गई थी. बीजेपी विधायक रंजना साहू ने कहा कि शराब के अवैध कारोबार से सबसे ज्यादा महिलाएं पीड़ित हैं.