रायपुर। विधानसभा में कस्टम मिलिंग के जरिए धान का उठाव नहीं होने के मामले में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से जवाब को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. विपक्ष मामले में सदन की कमेटी से जांच की मांग कराने पर अड़ा था, लेकिन मंत्री से कोई आश्वासन नहीं मिलने पर विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया.

बीजेपी विधायक रजनीश सिंह ने कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव नहीं होने का मामला उठाया. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सेंट्रल से अनुमति देरी से मिलने की वजह से उठाव में देरी हुई. कोरोना संक्रमण की वजह से भी देरी हुई. 31 दिसम्बर तक का हमारे पास समय है. इस पर रजनीश सिंह ने कहा कि जहाँ-जहाँ धान रखा है, वह सड़ चुका है. क़रीब आठ सौ करोड़ रुपए का धान सड़ चुका है. इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री के क्षेत्र में ही क़रीब पचास करोड़ रुपए का धान सड़ चुका है. उन्होंने सदन में माँग की सत्तापक्ष के तीन और विपक्ष के दो विधायकों की जाँच कमेटी बना दी जाए.

मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि जब तक कस्टम मिलिंग का काम चल रहा है स्पष्ट आँकड़े कैसे बता पाएँगे? वहीं संग्रहण केंद्रों में धान शेष है. जिसका निपटारा करना है. 15 सालों तक बीजेपी की सरकार रही आप यदि शेड बना दिए होते हो धान खराब नहीं होता. हमारी सरकार ने 4 हज़ार से ज़्यादा शेड बनाए गए हैं. इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि हम जिस दिन सवाल लगाते हैं आख़िरी दिन तक जानकारी आती है. एक ही मंत्री, एक ही विभाग, वही अधिकारी फिर आकंडों में अंतर कैसे आ जाता है? पाँच महीने तक डीओ क्यों नहीं काटा गया?

इस बीच बृहस्पति सिंह की टोकाटोकी पर विपक्ष भड़का गया. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आसंदी ये व्यवस्था दे कि प्रश्नकाल में प्रश्न पूछने वाले और जवाब देने वाले मंत्री के अतिरिक्त कोई टिप्पणी न करे. बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में धान की मिलिंग नहीं हो रही है. कलेक्टर बुलाकर दबाव बना रहे हैं. बीजेपी सदस्यों ने सदन की कमेटी से जाँच कराए जाने की माँग की. जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने भी जाँच की माँग का समर्थन किया. इस तरह से जाँच की माँग को लेकर सदन में विपक्ष का भारी हंगामा मचाया.

आसंदी ने कहा सदस्यों के सवाल पर पर्याप्त जवाब आ चुका है. लेकिन विपक्ष सदन की कमेटी से जाँच की माँग को लेकर अड़ा रहा. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि यह किसानों का अपमान है. सदन की कमेटी से जाँच ज़रूरी है. इसके बाद भी मंत्री से जवाब नहीं मिलने पर विपक्ष ने सदन का बहिर्गमन कर दिया.