नई दिल्ली। भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री से संबंधित मामलों के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को नोडल मिनिस्ट्री (मंत्रालय) के रूप में नियुक्त किया है. सरकार को उम्मीद है यह कदम ऑनलाइन गेमिंग जगत को एक नियामक ढांचा प्रदान करने में मददगार साबित होगा. इसे भी पढ़ें : CG में ‘मौत के सौदागर’: धरती के भगवान की लापरवाही, 5 साल की मासूम को इलाज की जगह दिए जख्म, हाथ काटने की आई नौबत, परिजनों को इंसाफ का इंतजार…

जारी किए गए ड्राफ्ट के अनुसार, ड्राफ्ट में संशोधन का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के विकास को एक जिम्मेदार तरीके से सक्षम करना है. ड्राफ्ट के अनुसार, सभी ऑनलाइन गेम और ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए नियम बनाए जाएंगे, जो इस महीने से लागू हो सकते हैं. वहीं इन नियमों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), वर्चुअल रियलिटी (VR) और मेटावर्स को भी शामिल किया जाएगा. ड्राफ्ट में महिलाओं और बच्चों के लिए ऑनलाइन गेमिंग को सुरक्षित बनाने की बात भी कही गई है.

संवैधानिक संचालन को लेकर कई मुद्दों से जूझ रहे ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है. ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को स्पष्टता और निश्चितता प्रदान करने हेतु यह एक सकारात्मक संकेत है.

बता दें सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए तैयार किए जा रहे नियमों पर काम करने और साथ ही इस क्षेत्र के लिए एक ‘नोडल मिनिस्ट्री’ तय करने के मकसद के साथ मई 2022 में सात सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने की.

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इन नियमों में उपयोगकर्ताओं को खेल की लत और आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए अनिवार्य रूप से जिम्मेदारीपूर्ण गेमिंग उपाय भी बताए गए हैं. ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के संचालन के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए, ये नियम एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली का भी प्रावधान प्रदान करते हैं, जिसमें अनुपालन अधिकारी, सरकार और निगरानी करने वाली प्रवर्तन एजेंसियों से सीधे संपर्क की क्षमता में नोडल अधिकारी और उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए शिकायत अधिकारी की अनिवार्य रूप से नियुक्त करना शामिल है.

सरोगेट एडवरटाइजिंग के द्वारा ग्राहकों को लुभाने वाली अवैध विदेशी और घरेलू सट्टेबाजी, जुएबाजी वाली साइट्स को देखते हुए, उनका प्रभाव कम करने के लिए रेगुलेटेड जगहों में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए जिम्मेदारीपूर्ण विज्ञापन को बढ़ावा देने का प्रयास भी किया जाना चाहिए. सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा पूर्व में दी गई सलाह पर एएससीआई (ASCI) द्वारा दिशानिर्देश प्रस्तावित किए गए थे.

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सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि इन विज्ञापनों में आयु प्रतिबंधों, वित्तीय जोखिमों एवं आदत पड़ने के अन्य जोखिमों से जुड़े डिस्क्लेमर के संबंध में इन दिशा-निर्देशों का अनुपालन हो, और आय के अवसर के रूप में खेलों में भागीदारी को बढ़ावा न देकर इन पर प्रतिबंध लगे ताकि उपयोगकर्ताओं को देश के बाहर से संचालित हो रही साइट्स की ओर आकर्षित होने से रोका जा सके.

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