Asaduddin Owaisi On Ayodhya Mosque: लोकसभा चुनाव- 2024 ( Lok Sabha elections 2024) के चौथे चरण में सोमवार को हैदराबाद लोकसभा सीट (Hyderabad Lok Sabha seat) पर मतदान होगा। इस सीट पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) का बीजेपी नेता माधवी लता (Madhavi Lata) से टक्कर होगा। हॉट सीट होने के कारण सभी की निगाह हैदराबाद की सीट पर लगी हुई है। वहीं मतदान से पहले असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या में बन रहे नए मस्जिद (Ayodhya Mosque) को लेकर बयान दिया है। ओवैसी ने कहा, ‘उस मस्जिद में नवाज पढ़ना गुनाह है. ये पूरे उलेमाओं की बात है. आप उसे ताज महल बना दें, लेकिन मैं मुड़ कर ना देखूं उस मस्जिद की तरफ।

Badrinath Dham: वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, पहले ही दिन पहुंचे 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु, सामने आई पहली तस्वीर और Video, घर बैठे करें दर्शन

हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक हिंदी मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा कि अयोध्या के धनीपुर में बन रही मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद (Muhammad Bin Abdullah Mosque) में मेरे लिए नवाज पढ़ना गुनाह है। ये पूरे उलेमाओं की बात है। आप उसे ताज महल (Taj Mahal) बना दें, लेकिन मैं मुड़ कर ना देखूं उस मस्जिद की तरफ। मेरी नज़र वो मस्जिद जरारा है। मेरी लड़ाई मस्जिद की ज़मीन के लिए थी या उस मस्जिद के लिए थी। अगर मुझे पांच एकड़ जमीन ही चाहिए थी तो हिन्दुस्तान में मुझे भीख में इतनी ज़मीन मिल जाती।

प्रधानमंत्री मोदी को महाराष्ट्र की धरती में गाड़ दूंगाः संजय राउत ने PM मोदी को दी धमकी, औरंगजेब से की तुलना

राम मंदिर (Ram Mandir) और बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के मुद्दे को लेकर बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘1986 में मस्जिद का ताला खोलने के पीछे बीजेपी और कांग्रेस दोनों का हाथ था। 1992 में बीजेपी की सरकार में ही मस्जिद गिरा दी गई थी।

Priyanka Chaturvedi: श्रीकांत शिंदे के माथे पर लिखा है मेरा बाप…’, प्रियंका चतुर्वेदी के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में मचा तहलका

राम मंदिर पर फैसला आस्था के आधार पर हुआ
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आस्था पर था। इस फैसले से दिक्कत बढ़ गई है। कोर्ट ने ये भी कहा है कि मस्जिद तोड़ कर मंदिर को नहीं बनाया गया है। जीबी पंत की भी गलती थी और उस समय के प्रधानमंत्री जवाहर लालनेहरू सिर्फ पत्र लिखते रह गए थे।

रात में बेटी के कमरे से आ रही थी नहीं-नहीं की आवाज, मां-बाप पहुंचे तो नजारा देख उड़ गए होश, उसके बाद जो लिया फैसला तो हिल गई पुलिस